चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में बही भारतीय ज्ञान परम्परा की त्रिवेणी

मेरठ, 14 मार्च (हि.स.)। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग में गुरुवार को भारतीय ज्ञान परम्परा की त्रिवेणी बही। विद्वानों ने छात्र-छात्राओं को ज्योतिष के बारे में नई बातें बताई।

कार्यक्रम में लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय दिल्ली के ज्योतिष विभागाध्यक्ष प्रो. विनोद कुमार शर्मा, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के संस्कृत पाली प्राकृत विभाग के प्रो. ललित गौड़ एवं दिल्ली विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग के प्रो. भारतेन्दु पाण्डेय ने संस्कृत विभाग के छात्र-छात्राओं को अपने ज्ञान से अभिसिंचित किया। प्रो. भारतेन्दु पाण्डेय ने काव्यशास्त्री तत्त्वों के आधार पर स्पष्ट किया कि संस्कृत भाषा सभी भाषाओं के सौन्दर्य की वृद्धि में सहायक है।

प्रो. ललित गौड़ ने वेदों के ज्ञान को आधुनिक युग में तर्कसंगत बताते हुए वेदों की उपादेयता को प्रतिपादित किया। प्रो. विनोद कुमार शर्मा ने ज्योतिष के मौलिक अर्थ प्रकाश को स्पष्ट करते हुए बताया कि ज्योतिषशास्त्र का जीवन के गुह्यतम रहस्यों को प्रकाशित करने के लिए किया जाता है। इसके आलोक में भविष्य का मार्ग भी प्रशस्त किया जा सकता है। ज्योतिष के विद्यार्थी डीपी श्रीवास्तव द्वारा लिखित ज्योतिष ज्ञान (फलित के मूल सिद्धान्त) पुस्तक का भी विमोचन हुआ।

संस्कृत विभाग के समन्वयक प्रो. वाचस्पति मिश्र ने सबका धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम में एनएएस. कॉलेज से डॉ. संदीप कुमार, डीपीबीएस कॉलेज अनूपशहर से लक्ष्मण सिंह, शादी लाल कॉलेज से डॉ. सत्यवीर शर्मा, संस्कृत विभाग से डॉ. राजबीर, डॉ. संतोष कुमारी, डॉ. नरेन्द्र कुमार, डॉ. ओमपाल सिंह, डॉ. विजय बहादुर, तुषार गोयल आदि उपस्थित रहे।