बांग्लादेश पर त्रिपुरा का 200 करोड़ रुपये बिजली बिल बकाया: आपूर्ति पर संकट

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त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने सोमवार को जानकारी दी कि बांग्लादेश पर 200 करोड़ रुपये का बिजली बिल बकाया है।
राज्य सरकार ने अभी तक बिजली आपूर्ति रोकने पर कोई निर्णय नहीं लिया है, लेकिन स्थिति गंभीर बनी हुई है।

बिजली आपूर्ति का समझौता

त्रिपुरा राज्य विद्युत निगम लिमिटेड (TSECL) के माध्यम से एनटीपीसी विद्युत व्यापार निगम लिमिटेड बांग्लादेश को 60-70 मेगावाट बिजली की आपूर्ति करता है।

  • समझौता: यह आपूर्ति बांग्लादेश पावर डेवलपमेंट बोर्ड (BPDB) के साथ एक समझौते के तहत की जा रही है।
  • बिजली का स्रोत:
    • बिजली का उत्पादन त्रिपुरा के पलाटाना स्थित ओएनजीसी त्रिपुरा पावर कंपनी (OTPC) के गैस-आधारित 726 मेगावाट क्षमता वाले प्लांट में होता है।
    • त्रिपुरा ने मार्च 2016 में बांग्लादेश को बिजली की आपूर्ति शुरू की थी।

मुख्यमंत्री का बयान: बकाया और भविष्य की योजना

मुख्यमंत्री साहा ने बताया:

  • बकाया भुगतान:
    • “बांग्लादेश ने अब तक बिजली आपूर्ति के लिए 200 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं किया है। यह राशि हर दिन बढ़ रही है।”
    • सरकार को उम्मीद है कि बांग्लादेश जल्द ही बकाया चुका देगा ताकि बिजली आपूर्ति बाधित न हो।
  • बिजली आपूर्ति रोकने पर निर्णय:
    • अभी तक इस पर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है।
    • मुख्यमंत्री ने कहा,

      “अगर बांग्लादेश बकाया का भुगतान नहीं करता है, तो यह तय करना मुश्किल है कि हम उन्हें कब तक बिजली की आपूर्ति जारी रख पाएंगे।”

त्रिपुरा-बांग्लादेश के संबंध: ऐतिहासिक सहयोग और वर्तमान संकट

  • कृतज्ञता के आधार पर आपूर्ति:
    • मुख्यमंत्री ने बताया कि त्रिपुरा के बिजली उत्पादन संयंत्र के लिए बांग्लादेशी क्षेत्र और चटगांव बंदरगाह के माध्यम से मशीनरी लाई गई थी।
    • इसे ध्यान में रखते हुए, त्रिपुरा ने समझौते के तहत बिजली आपूर्ति शुरू की।
  • सीमा पर स्थिति:
    • त्रिपुरा, उत्तर, दक्षिण और पश्चिम तीन दिशाओं से बांग्लादेश से घिरा हुआ है।
    • इसकी 856 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा कुल सीमा का 84% है।
    • मुख्यमंत्री ने कहा,

      “अगस्त में बांग्लादेश में शुरू हुई उथल-पुथल के बावजूद सीमा पर कोई बड़ी आमद नहीं हुई है।”

अगरतला में सुरक्षा भंग पर कार्रवाई

हाल ही में अगरतला स्थित बांग्लादेश सहायक उच्चायोग में सुरक्षा भंग की घटना सामने आई थी।

  • मुख्यमंत्री ने बताया कि इस मामले में कड़ी कार्रवाई की गई और कई लोगों को गिरफ्तार किया गया।

बिजली संकट का समाधान: भारत-बांग्लादेश सहयोग की परीक्षा

बांग्लादेश को बिजली आपूर्ति रोकने का निर्णय त्रिपुरा के लिए आर्थिक और कूटनीतिक दृष्टि से चुनौतीपूर्ण हो सकता है।

  • कूटनीतिक मुद्दा:
    • त्रिपुरा और बांग्लादेश के बीच सहयोग ऐतिहासिक रूप से मजबूत रहा है।
    • बिजली आपूर्ति रोकने का निर्णय इस संबंध को प्रभावित कर सकता है।
  • आर्थिक पहलू:
    • बकाया भुगतान न होने से राज्य की ऊर्जा परियोजनाओं पर दबाव बढ़ सकता है।