कोलकाता, 11 नवंबर (हि.स.)। तृणमूल कांग्रेस में प्रस्तावित संगठनात्मक पुनर्गठन में पश्चिम बंगाल के विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी के गढ़ पूर्व मेदिनीपुर जिले पर खास ध्यान देने की योजना है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार, इस जिले पर पुनर्गठन का मुख्य प्रभाव होना स्वाभाविक है क्योंकि इस साल के लोकसभा चुनावों में इस क्षेत्र में सत्ताधारी पार्टी का प्रदर्शन कमजोर रहा।
इस चुनाव में, शुभेंदु अधिकारी की लोकप्रियता के चलते भारतीय जनता पार्टी ने जिले की दोनों लोकसभा सीटें, कांथी और तमलुक, तृणमूल कांग्रेस के हाथ से छीन लीं। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि पूर्व मेदिनीपुर के कुछ नगरपालिकाओं के प्रमुखों के प्रदर्शन के साथ ही इस जिले के दो राज्य मंत्रियों का काम भी पार्टी नेतृत्व के रडार पर है, क्योंकि उनके विधानसभा क्षेत्रों में लोकसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस पिछड़ गई थी।
तृणमूल कांग्रेस के महासचिव और पार्टी के लोकसभा सांसद अभिषेक बनर्जी ने पार्टी प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को सुझाव दिया है कि राज्य की कई नगरपालिकाओं में प्रमुखों को बदलने की जरूरत है, विशेषकर उन क्षेत्रों में जहां लोकसभा चुनावों में भाजपा का प्रदर्शन तृणमूल कांग्रेस से बेहतर था। महासचिव का मानना है कि आगामी 2026 के विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए पार्टी में प्रदर्शन आधारित पुनर्गठन किया जाना चाहिए।
पार्टी सूत्रों के अनुसार, पूर्व मेदिनीपुर के अलावा, अन्य जिलों में बीरभूम, हावड़ा, हुगली, अलीपुरद्वार और जलपाईगुड़ी भी पुनर्गठन के फोकस में हैं। पुनर्गठन की यह प्रक्रिया राज्य के छह विधानसभा क्षेत्रों में होने वाले उपचुनावों के बाद जल्द ही शुरू होने की संभावना है।
सूत्रों ने बताया कि राज्य की लगभग 69 नगरपालिकाओं में बदलाव होना तय है क्योंकि इन शहरी निकायों में इस वर्ष भाजपा को तृणमूल कांग्रेस से ज्यादा वोट मिले हैं।