हर साल ‘जनजातीय विज्ञान महोत्सव’किया जाएगा आयोजित: मुख्यमंत्री धामी 

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देहरादून, 15 नवंबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को कार्यक्रम में हर साल ‘जनजातीय विज्ञान महोत्सव’ आयोजित करने की घोषणा की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में आदिवासी और जनजातीय समाज को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है।

शुक्रवार शाम ओएनजीसी स्टेडियम,कौलागढ़ रोड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी राज्य जनजातीय शोध संस्थान की ओर से आयोजित ‘आदि गौरव महोत्सव’ कार्यक्रम में शामिल हुए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने बिरसा मुंडा की प्रतिमा में पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विज्ञान में क्षेत्र में जनजातीय प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने के लिये प्रतिवर्ष ‘जनजातीय विज्ञान महोत्सव’ आयोजित कराए जाने की घोषणा की। जिसके लिये उत्तराखंड जनजातीय शोध संस्थान को आवश्कता अनुसार धनराशि उपलब्ध कराई जाएगी।

मुख्यमंत्री ने आदि गौरव महोत्सव में विभिन्न राज्य से आए जनजातीय समाज के लोगों से मुलाकात कर उनकी संस्कृति को जाना। देशभर से प्रतिभाग कर रहे विभिन्न जनजातियों के कलाकारों ने लोक नृत्यों की प्रस्तुति की। मुख्यमंत्री ने जनजातीय समाज की ओर से लगाए गए विभिन्न स्टालों का भी अवलोकन किया और जनजातीय समाज के लोक नृत्य में भी सम्मलित हुए।

मुख्यमंत्री ने कहा यह कार्यक्रम जनजातीय कलाकारों को अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने का अवसर व गैर जनजातीय समुदाय को भी जनजातीय समाज की कला एवं संस्कृति की विशेषताओं से अवगत कराने का कार्य करेगा। उन्होंने कहा भगवान बिरसा मुंडा ने मात्र 24 साल 07 महीने के अपने जीवनकाल में वो किया,जो अनंत समय तक याद रखा जाएगा। भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में बिरसा मुंडा का योगदान अतुलनीय है। उन्होंने जनजातीय समाज में व्याप्त कुरीतियों के खिलाफ जागरुकता फैलाकर जनजातीय समाज को संगठित किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जनजाति समाज से आने वाली द्रोपदी मुर्मू का राष्ट्रपति पद पर सुशोभित होना केन्द्र सरकार की जनजाति समाज के सशक्तिकरण के प्रति सच्ची प्रतिबद्धता का प्रतीक है। प्रधानमंत्री ने जनजातीय समाज के विकास के बजट को तीन गुना बढ़ाकर इस समाज को विकसित और सशक्त करने का कार्य किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने एकलव्य मॉडल स्कूल के बजट को 21 गुना तक बढ़ाने का ऐतिहासिक कार्य किया है। प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान के तहत उत्तराखंड के 128 जनजातीय गांवों का चयन किया गया है। इन चयनित गांवों में बुनियादी सुविधाओं का विकास, आर्थिक सशक्तिकरण, बेहतर शिक्षा व्यवस्था और स्वस्थ जीवन को बढ़ावा दिया जाएगा। राज्य सरकार भी प्रदेश के आदिवासी व जनजातीय समुदाय को अनेकों सुविधाएं देकर उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाने की दिशा में कार्य कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में 04 एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय संचालित हो रहे हैं। जिसमें जनजातीय समुदाय के छात्रों को निशुल्क शिक्षा और हॉस्टल की सुविधा मिलती है। जनजातीय समाज के बच्चों को प्राईमरी स्तर से स्नातकोत्तर स्तर तक छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है। अनुसूचित जनजाति की पुत्रियों की शादी के लिए 50 हजार का अनुदान प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार,उत्तराखंड में आदिवासी समाज के विकास के लिए सदैव संकल्पित होकर कार्य करती रहेगी।

इस अवसर पर विधायक सविता कपूर,सचिव नीरज खैरवाल, अपर सचिव संजय सिंह टोलिया और अन्य लोग मौजूद रहे।