जनजातीय गौरव दिवस आदिवासी समुदायों की समृद्ध संस्कृति और गौरवशाली इतिहास का जश्न मनाने के लिए समर्पित है- उपराज्यपाल

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जम्मू, 15 अक्टूबर (हि.स.)। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में पिछले चार वर्षों में आदिवासी समुदायों के जीवन को बदलने के लिए जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा उठाए गए ऐतिहासिक कदमों पर प्रकाश डाला।

सिन्हा वर्चुअल मोड के माध्यम से कन्वेंशन सेंटर जम्मू में जनजातीय गौरव दिवस समारोह में शामिल हुए और प्रतिष्ठित स्वतंत्रता सेनानी भगवान बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि दी और स्वतंत्रता आंदोलन और राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान को याद किया।

उन्होंने कहा कि जनजातीय गौरव दिवस आदिवासी आइकन का सम्मान करने और आदिवासी समुदायों की समृद्ध संस्कृति और गौरवशाली इतिहास का जश्न मनाने के लिए समर्पित है।

उपराज्यपाल ने आदिवासी समुदायों के अधिकारों की रक्षा करने, उनकी सांस्कृतिक और भाषाई विरासत को बढ़ावा देने और संरक्षित करने और सभी क्षेत्रों में समान अवसर प्रदान करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया।

उपराज्यपाल ने कहा कि मेरा उद्देश्य हमेशा आदिवासियों के हितों की रक्षा करना और समुदाय की महिलाओं और युवाओं के कल्याण में सुधार करना रहा है। उन्होंने कहा कि पहली बार कई दशकों से विकास की मुख्यधारा से बाहर रखे गए आदिवासी समुदायों के कल्याण को सरकार के विकास एजेंडे के केंद्र में रखा गया है। उन्होंने कहा कि वन अधिकार अधिनियम का कार्यान्वयन; प्रधानमंत्री वन-धन विकास योजना; वन धन स्वयं सहायता समूह, प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना (जी) के पात्र भूमिहीन आदिवासी लाभार्थियों को 5 मरला भूमि का आवंटन, नए आदिवासी छात्रावास, स्मार्ट स्कूल, विशेष छात्रवृत्ति और ऐसी कई अन्य पहल आदिवासी आबादी के उज्जवल भविष्य का मार्ग प्रशस्त कर रही हैं।

उपराज्यपाल ने आगे कहा कि धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान का आईईसी अभियान जम्मू कश्मीर में योजना के प्रभावी कार्यान्वयन को भी सुनिश्चित करेगा जो सामाजिक बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य, शिक्षा और आजीविका में महत्वपूर्ण अंतराल को कम करने में मदद करेगा। यह आदिवासी क्षेत्रों और समुदायों के समग्र और सतत विकास को भी सुनिश्चित करेगा।

इस अवसर पर जावेद अहमद राणा, मंत्री, जनजातीय मामले; जुगल किशोर शर्मा, संसद सदस्य; अटल डुल्लू, मुख्य सचिव; सम्मेलन केन्द्र में जनजातीय कार्य विभाग के सचिव प्रसन्ना रामास्वामी जी, वरिष्ठ अधिकारी तथा जनजातीय समुदायों के सदस्य एवं युवा उपस्थित थे।