राजभवन में मनाया गया जनजातीय गौरव दिवस व झारखंड राज्य स्थापना दिवस

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देहरादून, 15 नवंबर (हि.स.)। जनजातीय गौरव दिवस झारखंड राज्य का स्थापना दिवस शुक्रवार को उत्तराखंड के राजभवन में मनाया गया। इस दौरान विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों और विविध जनजातीय संस्कृतियों की अनूठी छटा देखने को मिली। कार्यक्रम में उत्तराखंड की जौनसारी और भोटिया जनजाति के लोगों के साथ अरुणाचल प्रदेश, झारखंड, त्रिपुरा और नागालैण्ड की जनजातियों ने अपनी सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से अपनी समृद्ध परंपराओं और लोक नृत्य का मनमोहक प्रदर्शन किया।

इस मौके पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) ने झारखंड राज्य स्थापना दिवस की बधाई देते हुए कहा कि यह दिन हमें झारखंड की अद्भुत प्राकृतिक सुंदरता, समृद्ध खनिज संसाधनों और अद्वितीय सांस्कृतिक धरोहरों पर गर्व महसूस कराता है। राज्यपाल ने भारत की सांस्कृतिक विविधता में जनजातीय समाज का महत्वपूर्ण योगदान है, जिनकी अपनी विशिष्ट बोली, खान-पान और पहनावा है। राज्यपाल ने कहा कि ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ की सोच के तहत प्रत्येक राज्य के स्थापना दिवस को अन्य राज्यों में भी मनाने की पहल सराहनीय है। इस प्रकार के कार्यक्रम भारत की सांस्कृतिक विविधता के साथ ही राष्ट्रीय एकता की भावना और आपसी समझ को बढ़ा रहे हैं। राज्यपाल कहा कि भारत की सांस्कृतिक विविधता में जनजातीय समाज का महत्वपूर्ण योगदान है, जिनकी अपनी विशिष्ट बोली, खान-पान और पहनावा है। उन्होंने जनजातीय समाज के साहस,समर्पण और प्रकृति के साथ सामंजस्यपूर्ण जीवन शैली की प्रशंसा की। साथ ही उन योद्धाओं को भी याद किया जिन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ संघर्ष किया और हमारी समृद्ध विरासत की रक्षा की। उन्होंने जनजातीय समाज से वन संपदा के संरक्षण और जलवायु परिवर्तन के प्रति उनके दृष्टिकोण से प्रेरणा लेने का आग्रह किया।

राज्यपाल ने उत्तराखंड की जनजातियों के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में जनजातीय समुदाय के उत्थान के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और आर्थिक सशक्तीकरण में विशेष प्रयास किए जा रहे हैं।

झारखंड राज्य के स्थापना दिवस पर झारखंड के लोगों ने सांस्कृतिक नृत्य प्रस्तुत किए। इन प्रस्तुतियों में जनजातीय समुदायों की संस्कृति की जीवंतता और उनकी परंपराओं की विविधता को प्रस्तुत किया गया, जिसे दर्शकों ने अत्यंत उत्साह और सराहना के साथ देखा। इस अवसर पर सचिव डॉ. नीरज खैरवाल, अपर सचिव राज्यपाल स्वाति एस.भदौरिया, निदेशक जनजाति कल्याण संजय टोलिया, अपर निदेशक योगेंद्र रावत, उप निदेशक जनजातीय कल्याण भारत सरकार राहुल कुमार, समन्वयक राजीव कुमार सोलंकी सहित अनेक लोग उपस्थित रहे।