किडनी फेलियर का उपचार: किडनी फेलियर एक बहुत ही गंभीर समस्या है। कम उम्र में किडनी फेलियर होने पर ट्रांसप्लांट की भी ज़रूरत पड़ सकती है।

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महिलाओं में किडनी फेलियर के लक्षण:  14 वर्षीय लिली को किडनी फेलियर की अंतिम अवस्था है। इसका पता तब चला जब लिली के माता-पिता उसे डॉक्टर के पास ले गए क्योंकि उसे 3 महीने तक लगातार फ्लू के लक्षण थे। लिली अब इस स्थिति के साथ जी रही है और उसे सप्ताह में कई बार डायलिसिस के लिए जाना पड़ता है। डॉक्टरों का मानना ​​है कि भविष्य में उसे किडनी ट्रांसप्लांट की भी आवश्यकता हो सकती है।

3 दिन तक कोमा में रहना पड़ा

लिली अपनी मेडिकल कंडीशन के कारण काफी दर्द में थी, जिसके कारण उसे कुछ समय के लिए कोमा में रखने का फैसला किया गया था। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, लिली ने कहा कि जब उसे बताया गया कि उसे कोमा में रखा जाएगा, तो उसे कुछ राहत महसूस हुई, क्योंकि वह काफी दर्द में थी। इसके बाद उसे ब्रिस्टल चिल्ड्रेन हॉस्पिटल में केयर यूनिट (PICU) में शिफ्ट कर दिया गया, जहां उसने तीन दिन कोमा में बिताए।

अंतिम चरण की किडनी विफलता कब होती है?

जब किडनी फेल हो जाती है तो वह काम करना बंद कर देती है। किडनी खून से अशुद्धियों को छानकर पेशाब के रूप में शरीर से बाहर निकालने में असमर्थ हो जाती है। जिसके कारण शरीर में तरल पदार्थ, इलेक्ट्रोलाइट्स और अशुद्धियों का स्तर बहुत अधिक बढ़ने लगता है। यह एक जानलेवा स्थिति है, जिसमें जिंदा रहने के लिए किडनी डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट की जरूरत पड़ती है।  

किडनी डायलिसिस क्या है

क्लीवलैंड क्लिनिक के अनुसार,  डायलिसिस एक ऐसा उपचार है जिसकी ज़रूरत तब पड़ती है जब किडनी काम करना बंद कर देती है। जब आपकी किडनी काम करना बंद कर देती है, तो आपकी किडनी खून को उस तरह से फ़िल्टर नहीं कर पाती जिस तरह से उन्हें करना चाहिए। इससे रक्त वाहिकाओं में अपशिष्ट जमा हो जाता है। ऐसी स्थिति में डायलिसिस आपकी किडनी का काम करता है, और खून से गंदगी और तरल पदार्थ को अलग करता है। 

चरण 1 में किडनी फेलियर को कैसे पहचानें

जी मिचलाना 

उल्टी करना

भूख में कमी

थकान 

पेशाब के पैटर्न में बदलाव

छाती में दर्द

सांस लेने में कठिनाई

पैरों में सूजन

टखनों में सूजन

उच्च रक्तचाप

सिरदर्द

सोने में कठिनाई

मांसपेशियों में ऐंठन

खुजली

बुखार 

गुर्दे की विफलता का कारण

ऐसे कई कारण हैं जिनकी वजह से व्यक्ति को अंतिम चरण की किडनी फेलियर की समस्या हो सकती है।  मधुमेह  , उच्च रक्तचाप, नशीली दवाओं का सेवन, मूत्र मार्ग में रुकावट, पारिवारिक इतिहास जैसे कारक बहुत आम हैं।