पाकिस्तानी सेना ने दावा किया है कि बोलन में ट्रेन अपहरण की घटना समाप्त हो गई है। लेकिन पांच ऐसे सबूत हैं जो सीधे तौर पर कहते हैं कि अपहरण अभी ख़त्म नहीं हुआ है। बलूचिस्तान के उग्रवादियों ने तो यहां तक दावा किया है कि 150 पाकिस्तानी सैनिक उनकी हिरासत में हैं। ये 5 सबूत बताते हैं कि पाकिस्तानी सेना ने बलूच लड़ाकों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। और वे अपना सम्मान बचाने के लिए झूठ बोल रहे हैं।
पाकिस्तानी सेना के 5 झूठ
बोलन में ट्रेन अपहरण के बारे में पाकिस्तानी सेना का झूठ उजागर हो गया है। बलूच लिबरेशन आर्मी ने एक बयान जारी कर कहा है कि पाकिस्तानी सेना जनता को गुमराह कर रही है। हमारे पास अभी भी उनके 1504 सैनिक हैं। बीएलए का कहना है कि पाकिस्तानी सेना अपने सैनिकों को लेकर गंभीर नहीं है।
1. ट्रेन संचालन का वीडियो जारी नहीं किया गया है
सोमवार को बलूच स्वतंत्रता सेनानियों ने ज़फ़र एक्सप्रेस का अपहरण कर लिया। ट्रेन बोलन के पास एक सुरंग में रुकी हुई है। पाकिस्तानी सेना ने आतंकवादियों को मार गिराने और अपहरणकर्ता की योजना को नाकाम करने का दावा किया है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं कर पाई है कि वहां रेल परिचालन फिर से क्यों शुरू नहीं हुआ है। पाकिस्तानी सेना ने ऑपरेशन के अंत और ट्रेन के संचालन का कोई वीडियो जारी नहीं किया है। इसके विपरीत, पाकिस्तान रेलवे ने बलूचिस्तान में तीन दिनों के लिए सभी ट्रेनों का परिचालन बंद कर दिया है। आमतौर पर जब भी ऐसी कोई घटना होती है, तो मीडिया या सरकार द्वारा घटनास्थल की फुटेज जारी की जाती है। अभी तक पाकिस्तानी सेना वहां से कोई वीडियो जारी नहीं कर पाई है। दूसरी ओर, बलूच लड़ाकों ने अपहरण का एक वीडियो जारी किया है।
2. बीएलए लड़ाकों के बारे में झूठ बोला गया
ऑपरेशन पूरा होने के बाद, पाकिस्तानी सेना ने कुछ स्थानीय पत्रकारों को बोलन ऑपरेशन की तस्वीरें भेजीं, जिनमें बीएलए लड़ाकों के शवों की तस्वीरें भी शामिल थीं। पाकिस्तानी पत्रकार अनस मलिक और मुजम्मल वहराइच ने भी इसे सोशल मीडिया पर शेयर किया, लेकिन बाद में पता चला कि यह फोटो अप्रैल 2024 की है। तथ्य-जांच के तुरंत बाद पत्रकारों ने फोटो हटा दी। पाकिस्तानी सेना का कहना है कि उसने 33 लड़ाकों को मार गिराया है, जबकि बीएलए ने केवल दो लोगों की मौत की बात स्वीकार की है।
3. 200 ताबूत क्वेटा क्यों ले जाए गए, कोई जवाब नहीं
पाकिस्तानी सेना 200 ताबूत लेकर क्वेटा पहुंच गई है। जब सेना के अधिकारियों से इस बारे में सवाल पूछा गया तो उन्होंने उचित जवाब नहीं दिया। सैन्य अधिकारी यह नहीं बता सके कि वे क्वेटा में 200 ताबूत क्यों लाए थे। बीएलए लड़ाकों का कहना है कि यदि सरकार उनकी बात नहीं सुनती है तो वे हर घंटे 5 सैनिकों को मार देंगे और उन्हें उपहार के रूप में भेज देंगे।
4. देर रात तक ऑपरेशन की गूंज
स्थानीय समाचार पत्र बलूचिस्तान पोस्ट ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि यह अभियान देर रात तक जारी रहा। पाकिस्तानी सैनिकों ने पूरे क्षेत्र पर नियंत्रण कर लिया है। लोगों को अपने घरों से बाहर निकलने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। पाकिस्तानी सेना के हेलीकॉप्टर रात में उड़ान भर रहे हैं। अख़बार के अनुसार इस ऑपरेशन में 240 सैनिक शामिल हैं। पहाड़ों और सुरंगों के कारण ऑपरेशन में कठिनाइयां आ रही हैं।
5. लड़ाकों के नाम और हथियार ज्ञात नहीं हैं।
ट्रेन अपहरण के बाद बीएलए ने पाकिस्तानी सैनिकों का पूरा ब्यौरा जारी किया था, लेकिन दूसरी ओर ऑपरेशन पूरा होने के बाद पाकिस्तानी सेना ने न तो लड़ाकों के बारे में कोई जानकारी दी है और न ही उनसे जब्त हथियारों के बारे में। आमतौर पर ऑपरेशन पूरा होने के बाद पुलिस और प्रशासन ऐसी सभी जानकारियां मीडिया को मुहैया कराता है, ताकि जनता में उम्मीद बनी रहे। कहा जा रहा है कि पाकिस्तानी सेना इस ऑपरेशन से दूर रहकर खुद को शर्मिंदगी से बचाने की कोशिश कर रही है।