लोनावला त्रासदी की त्रासदी, बाढ़ में मरा आगरा का अंसारी परिवार, शादी में आया

महाराष्ट्र के पुणे में रविवार को एक भयानक हादसा हुआ जिसमें वॉटरफॉल हादसे में पूरा परिवार सदमे में आ गया. इस घटना में 13 साल की बच्ची और आठ साल की बच्ची समेत 36 साल की महिला की मौत हो गई है. तीनों शव बांध के पास नदी से बरामद किये गये हैं. इसके अलावा एक 9 साल का और एक 4 साल का बच्चा लापता बताया गया है। इस घटना का खौफनाक वीडियो भी सामने आया.

धार में डूबने वाला अंसारी परिवार आगरा का रहने वाला था और पुणे में रहने वाले एक रिश्तेदार की शादी में आया था. एक शादी के मौके पर आए इस परिवार ने अचानक लोनावला जाने का प्लान बना लिया. चूंकि लोनावला पुणे का मशहूर पर्यटन स्थल है, इसलिए लोनावला घूमने का प्लान बना, इसलिए अंसारी परिवार सुबह लोनावला में घूमने निकल गया.

घटना के संबंध में पुलिस ने बताया कि सैयदनगर के एक परिवार के 17 सदस्यों ने पुणे के हडपसर इलाके में पिकनिक मनाने के लिए लोनावला के पास एक टूरिस्ट पैलेस जाने के लिए एक निजी बस किराए पर ली थी. रविवार दोपहर करीब 12.30 बजे झरने का जलस्तर अचानक बढ़ जाने से 10 लोग फंस गये. एक लड़की को वहां मौजूद लोगों ने बचा लिया. इस घटना में एक ही परिवार के 10 सदस्य बह गये. पांच लोग तो सुरक्षित बाहर निकल आए, लेकिन एक महिला और उसके चार छोटे बच्चे बह गए। 

परिवार में मातम 

हादसे के बाद अंसारी परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. मृतकों की पहचान नूर शाहिस्ता अंसारी (35), अमीना आदिल अंसारी (13), मारिया अंसारी (7), हुमिदा अंसारी (6) और अदनान अंसारी (4) के रूप में की गई है। सबाहत अंसारी (4) और मारिया अकील अंसारी (9) अभी भी लापता हैं.

चार दिन पहले इस परिवार में शादी थी। खुशी के माहौल के बाद अंसारी परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. मौलाना सलमान अंसारी सैयदनगर लेन नंबर 21 में रहते हैं. उनके बगल में उनके जीजा तारिक अंसारी रहते हैं। मौलाना अंसारी के बहनोई तारिक अंसारी और गुलजार अंसारी की 25 जून को सैयदनगर में शादी हुई थी. मौलाना अंसारी की दोनों बेटियां और भाभी नूर शाहिस्ता अंसारी समेत कई लोग लोनावला के भूशी बांध गए थे. 

मजार अंसारी ने बताया कि उसकी बहन गुलजार अंसारी की शादी तारिक अंसारी से हुई थी. शादी में आगरा से कुछ रिश्तेदार आए थे। जिसके बाद घूमने का प्लान बनाया. 

महत्वपूर्ण बात यह है कि बरसात के मौसम में लोग सपरिवार प्राकृतिक वातावरण में घूमने जाते हैं और ऐसे आयोजन बरसात के मौसम में ही होते हैं।