इस्लाम धर्म में रमजान को सबसे पवित्र महीना माना जाता है। इस दौरान मुसलमान सुबह से सूर्यास्त तक उपवास रखते हैं, जिसे रोजा कहा जाता है। जब सूरज डूबता है, तो रोजेदार इफ्तार करते हैं—यानी उपवास खोलते हैं। इस्लामिक परंपराओं में इफ्तार के लिए खजूर को विशेष महत्व दिया गया है, और इसे पैगंबर हजरत मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) की सुन्नत माना जाता है।
लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि रोजा खोलने के लिए खजूर को ही क्यों चुना गया? इसके पीछे धार्मिक कारणों के साथ-साथ वैज्ञानिक और स्वास्थ्यवर्धक लाभ भी छिपे हुए हैं।
खजूर से रोजा खोलने की परंपरा क्यों महत्वपूर्ण है?
1. पैगंबर हजरत मुहम्मद की सुन्नत
हदीसों में उल्लेख मिलता है कि पैगंबर मुहम्मद (स.अ.व.) हमेशा खजूर से रोजा खोलते थे और उन्होंने मुसलमानों को भी यही करने की सलाह दी थी। इस वजह से यह सुन्नत बन गया—अर्थात इसे अपनाने से पुण्य मिलता है।
“जब तुममें से कोई रोजा खोले, तो वह खजूर से खोले, क्योंकि यह आशीर्वाद से भरा हुआ है। अगर खजूर न मिले, तो वह पानी से खोले, क्योंकि यह पवित्र है।”
(हदीस: तिर्मिज़ी, अहमद, अबू दाऊद)
खजूर खाने की सही संख्या: कितने खजूर खाने चाहिए?
अधिकांश मुसलमान तीन खजूर खाकर रोजा खोलते हैं, क्योंकि पैगंबर मुहम्मद (स.अ.व.) भी यही करते थे।
इसके अलावा, एक हदीस में कहा गया है:
“जो व्यक्ति सुबह सात अजवा खजूर खाता है, उसे उस दिन किसी भी प्रकार के जहर या बुरी ऊर्जा से नुकसान नहीं होगा।” (सहीह अल-बुखारी, 5445)
इससे पता चलता है कि खजूर न केवल आध्यात्मिक बल्कि शारीरिक रूप से भी फायदेमंद है।
क्या रोजा खोलने के लिए खजूर अनिवार्य है?
नहीं, खजूर से रोजा खोलना अनिवार्य नहीं है, लेकिन यह सर्वोत्तम और शुभ विकल्प माना जाता है।
यदि खजूर उपलब्ध न हो, तो पानी से रोजा खोलना भी सही और स्वास्थ्यवर्धक माना जाता है।
खजूर से रोजा खोलने के वैज्ञानिक और स्वास्थ्य लाभ
1. तुरंत ऊर्जा प्रदान करता है
रोजे के दौरान शरीर ऊर्जा की कमी महसूस करता है, क्योंकि दिनभर भोजन और पानी नहीं लेने से ग्लूकोज का स्तर कम हो जाता है। खजूर में प्राकृतिक शर्करा (ग्लूकोज, फ्रुक्टोज और सुक्रोज) होती है, जो शरीर को तुरंत ऊर्जा देती है।
2. पाचन में मदद करता है
खाली पेट खजूर खाने से पाचन तंत्र सक्रिय हो जाता है और शरीर को भारी भोजन पचाने में आसानी होती है। खजूर में मौजूद फाइबर और एंजाइम्स पाचन को दुरुस्त रखते हैं।
3. सिर दर्द और थकान से राहत
लंबे समय तक भूखे रहने से कई लोगों को सिर दर्द और कमजोरी महसूस होती है। खजूर में मौजूद पोटैशियम और मैग्नीशियम शरीर को राहत देने का काम करते हैं।
4. हृदय के लिए फायदेमंद
खजूर में पोटैशियम, मैग्नीशियम और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो दिल को स्वस्थ बनाए रखते हैं और रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।
5. पोषण से भरपूर
खजूर में आयरन, कैल्शियम, विटामिन B6 और प्रोटीन होते हैं, जो शरीर को मजबूत और सक्रिय बनाए रखते हैं।
खजूर का कुरआन और हदीस में महत्व
खजूर का इस्लाम में इतना अधिक महत्व है कि इसे कुरआन में 22 बार उल्लेखित किया गया है।
1. सूरह मरियम में खजूर का उल्लेख
सूरह मरियम में वर्णित है कि जब मरियम (अ.स.) ने पैगंबर ईसा (अ.स.) को जन्म दिया, तो अल्लाह ने उन्हें खजूर खाने की सलाह दी थी।
“और खजूर के तने को अपनी ओर हिला, वह तुझ पर ताजा पके हुए खजूर गिरा देगा।” (कुरआन 19:25)
2. अन्य सूरह में खजूर का उल्लेख
खजूर का जिक्र कुरआन की कई अन्य सूरह में भी आता है, जैसे:
- सूरह अल-रहमान (55:68)
- सूरह अबसा (80:27-32)
- सूरह अल-मोमिनुन (23:19-20)