चूरु, 6 जुलाई (हि.स.)। उत्तर पश्चिम रेलवे पर निर्माण परियोजनाओं के कार्य तीव्र गति से किए जा रहे हैं। वर्तमान में नई लाइन, दोहरीकरण, विद्युतीकरण कार्यों के साथ-साथ स्टेशन पुनर्विकास के कार्य लक्ष्यानुसार निष्पादित किए जा रहें है ताकि रेल यात्रियों को समयानुसार बेहतर और संरक्षित रेल सुविधाएं प्रदान की जा सकें।
उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी कैप्टन शशि किरण के अनुसार अमिताभ, महाप्रबंधक-उत्तर पश्चिम रेलवे के मार्गदर्शन में जून माह मे रतनगढ़-चूरू रेलखण्ड (26.14 किलोमीटर) के दोहरीकरण कार्य के अन्तर्गत 3.5 किलोमीटर ट्रैक लिकिंग का कार्य पूरा किया गया। उल्लेखनीय है कि रतनगढ़-चूरू रेलखण्ड के दोहरीकरण के कार्य को वर्ष 2024-25 में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अतिरिक्त देश के पहले आरडीएसओ टेस्ट ट्रैक का कार्य भी तेजी के साथ किया जा रहा है। जून माह मे आरडीएसओ टेस्ट ट्रैक के 9 किलोमीटर का कार्य पूरा किया गया है। इसके साथ ही वर्ष 2024-25 में जून माह तक गोविन्दी मारवाड़-नावां सिटी (8 किलोमीटर) दोहरीकरण व आरडीएसओ टेस्ट ट्रैक (16 किलोमीटर) नई लाइन का कार्य पूरा किया जा चुका है।
महाप्रबंधक के नेतृत्व में उत्तर पश्चिम रेलवे पर वर्ष 2023-24 में डिडवाना-लालसोट (8.51 किलोमीटर) नई रेल लाइन और फुलेरा-गोविन्दी मारवाड़ (27.07 किलोमीटर) एवं नावां सिटी-कुचामन सिटी (16 किलोमीटर) रेल मार्ग के दोहरीकरण का कार्य पूरा कर रेल संचालन प्रारम्भ किया गया है।
उत्तर पश्चिम रेलवे द्वारा निर्माण परियोजनाओं के लिए कार्ययोजना के अनुरूप कार्य किया जा रहा है। उत्तर पश्चिम रेलवे सभी रेल उपभोक्ताओं को बेहतर, आधुनिकतम, संरक्षित और सुरक्षित रेल परिवहन की सुविधा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।