झज्जर, 25 मई (हि.स.)। सरकार चुनने एक-एक वोट का महत्व होता है। हर मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करे, इसके लिए निर्वाचन आयोग से लेकर सामाजिक, शैक्षणिक व अन्य संस्थाओं ने क्या-क्या जतन नहीं किए। नुक्कड़ नाटक, शपथ, पोस्टर, रंगोली व हाथों पर मेहंदी तक रचाई। शनिवार को सभी की यह कवायद बेकार हो गई। भीषण गर्मी ने निर्वाचन विभाग की सारी कोशिशों पर पानी फेर दिया। जिला में कुल 59 प्रतिशत मतदान हुआ। पूरे जिला में मतदान शांतिपूर्ण रहा।
झज्जर जिले के कुल चारों विधानसभा क्षेत्रों में रोहतक लोकसभा क्षेत्र से सांसद के चुनाव के लिए कुल 808054 वोटर हैं। इनमें से शनिवार को कुल 476603 ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। बादली विधानसभा क्षेत्र में जिले में सबसे ज्यादा 61.3 फीसद वोट पड़े और बहादुरगढ़ विधानसभा क्षेत्र में सबसे कम 55.1 फीसद लोगों ने मतदान किया। झज्जर के 60.6 और बेरी के 60.1 मतदाताओं ने मतदान किया।
जिले में कुल 797 मतदान केंद्र बनाए गए थे। जिले की सभी सील्ड ईवीएम मशीनों को नेहरू पीजी कॉलेज झज्जर में बने स्ट्रॉंग रूम में रखा गया है। यहां कड़े सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। मतगणना 4 जून को होगी।
बहादुरगढ़ विधानसभा क्षेत्र में कुल 225 मतदान केंद्र बनाए गए थे। इसमें कुल 2 लाख 43 हजार 267 लोगों ने मतदान करना था, लेकिन इनमें से कुल 1 लाख 9 हजार 849 लोगों ने मतदान ही नहीं किया। 1 लाख 33 हजार 418 लोगों ने लोकसभा चुनाव में मतदान किए। कुल 55.1 फीसदी ही वोट डाले गए। मतदान प्रतिशत न बढ़ने के पीछे कई कारण लोगों द्वारा बताए जा रहे हैं। इनमें खासकर मतदाताओं के घर पर मतदाता पर्ची का न पहुंचना, मतदाता सूची से बड़ी संख्या में नाम गायब होना। मतदाता सूची में नाम में गड़बड़ी, पोलिंग बूथ मतदाताओं के घर से दूर बनाए गए, गर्मी का सितम और मतदाताओं में कम उत्साह भी कम मतदान का कारण रहा।
पिछले एक महीने से सभी सामाजिक, शैक्षणिक के अलावा अन्य संस्थाएं लोगों को मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए जागरूक कर रही थी। शहर में अलग-अलग स्थानों पर नागरिक सद्भावना समिति, वैश्य कॉलेज की छात्राओं द्वारा भी लगातार अभियान चलाते हुए लोगों को लोकसभा चुनाव में मतदान करने के लिए प्रेरित किया गया, लेकिन हर कवायद बेकार ही साबित हुई। पिछली बार के मुकाबले इस बार 9.66 प्रतिशत मतदान कम हुआ है। वर्ष 2019 में 64.76 नप्रतिशत मतदान हुआ था।