Today Weather Update: हिमाचल प्रदेश के ऊंचे इलाकों में मौसम ने करवट ले ली है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने आज के लिए चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि लाहौल-स्पीति और किन्नौर जैसे ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी की प्रबल संभावना है। इन क्षेत्रों में भारी बर्फबारी के चलते येलो अलर्ट जारी कर दिया गया है। अगर आप इन इलाकों की यात्रा करने की सोच रहे हैं, तो अतिरिक्त सावधानी बरतना बेहद जरूरी है।
बर्फबारी न केवल यातायात को प्रभावित कर सकती है, बल्कि बिजली और संचार व्यवस्था पर भी असर डाल सकती है। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को जरूरी सामानों की पहले से व्यवस्था कर लेनी चाहिए।
मैदानी और मध्यम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बारिश की चेतावनी
जहां एक ओर पहाड़ों में बर्फबारी के आसार हैं, वहीं मैदानी और मध्यम ऊंचाई वाले इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। चंबा, कांगड़ा, कुल्लू और मंडी जैसे जिलों में तेज तूफान और आकाशीय बिजली गिरने की भी चेतावनी दी गई है। इन क्षेत्रों के निवासियों को advised किया गया है कि वे खुले में न निकलें और सुरक्षित स्थानों पर रहें।
इसके अलावा हमीरपुर, बिलासपुर और ऊना जिलों में भी हल्की बारिश होने की संभावना जताई गई है। किसान भाइयों को सलाह दी जाती है कि वे अपनी फसल को सुरक्षित स्थानों पर रखें क्योंकि आंधी और बिजली गिरने से फसल को नुकसान हो सकता है।
कल से मौसम रहेगा साफ
मौसम विभाग के अनुसार, आज के बाद यानी कल से पूरे प्रदेश में मौसम साफ हो जाएगा और अगले पांच दिनों तक मौसम पूरी तरह से शुष्क बना रहेगा। इससे लोगों को राहत तो मिलेगी, लेकिन तापमान में फिर से तेजी से बढ़ोतरी की संभावना है।
तापमान में उछाल: 7 शहरों का पारा 30 डिग्री पार
बारिश और बर्फबारी से पहले ही हिमाचल के कई हिस्सों में तापमान तेजी से बढ़ा है। इस वक्त प्रदेश के सात बड़े शहरों का पारा 30 डिग्री सेल्सियस को पार कर चुका है, जो सामान्य से कहीं ज्यादा है।
बिलासपुर का तापमान 34.6 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है, जो सामान्य से 7.7 डिग्री ज्यादा है। ऊना में तापमान 34.4 डिग्री, सुंदरनगर में 32.2 डिग्री, सोलन में 30.5 डिग्री और शिमला में 23.0 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया है। खास बात यह है कि शिमला जैसे ठंडे इलाके में भी तापमान सामान्य से 5.6 डिग्री ज्यादा है।
इस तापमान वृद्धि का मुख्य कारण लगातार कुछ दिनों से मौसम का साफ रहना और धूप का तीव्र होना है। इससे लोगों को गर्मी का एहसास होने लगा है और पहाड़ों में रहने वाले लोग भी पंखे चलाने लगे हैं, जो मार्च महीने में आमतौर पर नहीं होता।
मार्च में बारिश-बर्फबारी में आई भारी कमी
मार्च की शुरुआत तो अच्छी बारिश और बर्फबारी से हुई थी, लेकिन जैसे-जैसे महीना आगे बढ़ा, वैसे-वैसे मौसम सूखा होता चला गया। खासकर मार्च के दूसरे और तीसरे सप्ताह में प्रदेशभर में बारिश और बर्फबारी का नामोनिशान नहीं रहा।
इस वजह से 26 मार्च तक प्रदेश में औसतन 25% कम बारिश दर्ज की गई है। जहां आमतौर पर मार्च महीने में 100.9 मिलीमीटर बारिश होती है, वहीं इस बार अब तक केवल 75.7 मिलीमीटर ही बारिश हुई है। इससे किसानों और बागवानों की चिंता बढ़ गई है, क्योंकि रबी की फसल को इस वक्त नमी की जरूरत होती है।