जिन कंपनियों और व्यक्तियों के लिए टैक्स ऑडिट जरूरी है, उनके लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने का आज आखिरी मौका है। अगर 15 नवंबर तक आईटीआर दाखिल नहीं किया गया तो पेनाल्टी और ब्याज देना पड़ सकता है। इसके साथ ही उन्हें कुछ अन्य मुश्किलों का सामना भी करना पड़ सकता है। इससे पहले टैक्स ऑडिट के दायरे में आने वाले करदाताओं के लिए आईटीआर दाखिल करने की आखिरी तारीख 31 अक्टूबर 2024 थी। सीबीडीटी ने इस समयसीमा को बढ़ाकर 15 नवंबर 2024 कर दिया था।
आज इन करदाताओं के लिए आखिरी मौका
आज सभी देशी-विदेशी कंपनियों के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करने का आखिरी मौका है। आज ऐसे व्यक्तिगत करदाताओं के लिए भी रिटर्न दाखिल करने का आखिरी मौका है, जिनका टैक्स ऑडिट जरूरी है। आज ऐसी फर्मों के भागीदारों के लिए भी आयकर रिटर्न दाखिल करने का आखिरी मौका है, जिनके लिए ऑडिट जरूरी है। अगर ये करदाता किसी कारणवश 15 नवंबर तक आयकर रिटर्न दाखिल नहीं कर पाते हैं, तो वे 31 दिसंबर 2024 तक बिलेटेड रिटर्न दाखिल कर सकते हैं।
रिटर्न दाखिल न करने पर क्या होगा?
देरी से आयकर रिटर्न दाखिल करने पर करदाताओं को धारा 234एफ के तहत शुल्क देना होगा। यह शुल्क 1,000 रुपये से लेकर 5,000 रुपये तक हो सकता है। धारा 234ए और 234बी के तहत नहीं चुकाए गए कर पर ब्याज भी देना होगा। 15 नवंबर तक आयकर रिटर्न दाखिल नहीं करने वाले करदाता चालू वित्त वर्ष के घाटे को आगे नहीं बढ़ा पाएंगे। तय समय अवधि में टैक्स ऑडिट रिपोर्ट जमा नहीं करने पर जुर्माना लग सकता है। यह 1.5 लाख रुपये या कुल बिक्री का 0.5 फीसदी, जो भी कम हो, होगा।
इन करदाताओं के लिए 30 नवंबर तक का समय
अंतरराष्ट्रीय या विशिष्ट घरेलू लेनदेन वाले करदाताओं के पास आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए 30 नवंबर, 2024 तक का समय है। सबसे पहले उन्हें ट्रांसफर प्राइसिंग ऑडिट रिपोर्ट दाखिल करनी होगी। पहले इसके लिए अंतिम तिथि 31 अक्टूबर, 2024 थी। फॉर्म 3CEB जमा न करने पर जुर्माना लग सकता है। यह जुर्माना 1 लाख रुपये या अंतरराष्ट्रीय लेनदेन मूल्य का 2 प्रतिशत हो सकता है।