हीट वेव से बचाव के लिए पानी पीकर व सिर ढ़ककर ही बाहर निकलें

लखनऊ, 23 अप्रैल (हि.स.)। गर्मी के मौसम में हीट वेव से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए गये हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से दिये गये निर्देश में अत्यधिक हीट वेव के दौरान क्या करें और क्या न करें, इसकी भी जानकारी दी गई है। चिकित्सकों के अनुसार हीट वेव से बचाव के लिए दिन में अगर घर से बाहर निकलना आवश्यक ही है तो पानी पीकर व सिर ढ़ककर ही बाहर निकलें।

बलरामपुर अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डाॅ. ओमकार यादव ने हिन्दुस्थान समाचार को बताया कि एक वर्ष से कम आयु के शिशु तथा अन्य छोटे बच्चे, गर्भवती महिलायें व ह्रदय रोगियों को हीट वेव से बचाव के लिए विशेष सावधानी बरतने की जरूरत होती है।

क्या करें क्या न करें

हीट वेव की स्थिति शरीर की कार्य प्रणाली पर प्रभाव डालती है। तत्काल उचित उपचार उपलब्ध न होने की स्थिति में प्रभावित व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है। हीट वेव के प्रभावों को कम करने के लिए इन तथ्यों पर ध्यान देना चाहिए।

सावधानियां

-हीट वेव/लू के संबंध में प्रचार माध्यमों से जारी की जा रही चेतावनी पर ध्यान दें।

-हीट स्ट्रोक, हीट रैश, हीट कैंप के लक्षणों जैसे कमजोरी, चक्कर आना, सरदर्द, उबकाई, पसीना आना. मुर्छा आदि को पहचानें।

-कमजोरी अथवा मुर्छा जैसी स्थिति का अनुभव होने पर तत्काल चिकित्सीय सलाह लें।

2. हाइड्रेटेड रहें

-अधिक से अधिक पानी पिएं, यदि प्यास न लगी हो तब भी।

-यात्रा करते समय पीने का पानी अपने साथ अवश्य ले जाएं।

-ओआरएस, घर में बने हुए पेय पदार्थ जैसे लस्सी, चावल का पानी, नींबू पानी, छाछ आदि का उपयोग करें, जिससे शरीर में पानी की कमी की भरपाई हो सके।

-जल की अधिक मात्रा वाले मौसमी फल एवं सब्जियों का प्रयोग करें जैसे तरबूजा, खरबूजा, संतरे, अंगूर, अन्नास और खीरा-ककड़ी।

3. शरीर को ढक कर रखें

-हल्के रंग के पसीना शोषित करने वाले हल्के वस्त्र पहनें।

-धूप के चश्मे, छाता, टोपी व चप्पल का प्रयोग करें।

-अगर आप खुले में कार्य करते हैं तो सिर, चेहरा, हाथ पैरों को गीले कपड़े से ढके रहें तथा छाते का प्रयोग करें।

4. अधिक से अधिक समय तक घर या कार्यालय के अंदर रहें

उचित वायु संचरण वाले शीतल स्थानों पर रहें।

-सूर्य की सीधी रोशनी तथा हीट वेव को रोकने के लिए उचित प्रबंध करें

अपने घरों में दिन में खिड़कियां, पर्दे तथा दरवाजे बंद रखें

-पंखे, गीले कपड़ों का उपयोग करें।

6. अन्य सावधानियां

-ऐसे बुजुर्ग तथा बीमार व्यक्ति जो एकांतवास करते हों, के स्वास्थ्य की नियमित रूप से देखभाल तथा समीक्षा की जानी चाहिए।

-दिन के समय में अपने घर के निचले तल पर प्रवास का प्रयास करें।

-शरीर के तापमान को कम रखने के लिए पंखे, गीले कपड़े इत्यादि का प्रयोग करें।

क्या न करें

-अधिक गर्मी वाले समय में, विशेषकर दोपहर 12 से 3 बजे के मध्य, सूर्य की सीधी रोशनी में जाने से बचें।

-नंगे पैर बाहर न निकलें।

-अधिक प्रोटीन वाले खाद्य पदार्थों के प्रयोग से बचें तथा बासी भोजन का प्रयोग न करें।

-बच्चों तथा पालतू जानवरों को बड़ी गाड़ियों में न छोड़ें।

-गहरे रंग के भारी तथा तंग कपडे न पहनें।

-जब बाहर का तापमान अधिक हो तब श्रमसाध्य कार्य न करें।

-अधिक गर्मी के समय खाना बनाने से बचें, रसोई वाले स्थान को ठंडा करने के लिए दरवाजे तथा खिड़कियां खोल दें।

-शराब, चाय, काफी, कार्बोनेटेड साफ्ट ड्रिंक आदि के उपयोग से बचें, क्योंकि यह शरीर में निर्जलीकरण करते हैं।