फिशर और पाइल्स दो सामान्य समस्याएं हैं जो लोगों को असहज महसूस करा सकती हैं। दोनों में लक्षण समान होते हैं, और ये तब होती हैं जब गुदा हिस्से में नसों पर दबाव पड़ता है, जिससे वे फूल जाती हैं। शौच के दौरान जोर लगाने से ये नसें कमजोर हो जाती हैं और मस्से का रूप ले लेती हैं, जिसे पाइल्स कहते हैं। खराब लाइफस्टाइल और गलत खानपान इन समस्याओं के प्रमुख कारण हैं। आइए जानते हैं कि फिशर और पाइल्स की समस्या को नैचुरली कैसे मैनेज किया जा सकता है।
फिशर-पाइल्स की समस्या होने पर क्या करें:
- कम नमक वाला खाना खाएं।
- रोजाना 15-20 गिलास पानी पियें।
- लौकी, तुरई, गोल लौकी, सर्पगंधा और छिलके वाली सब्जियां ज्यादा खाएं।
- सलाद का सेवन अधिक करें।
- दालों और हरी सब्जियों के साथ अधिक पानी पियें।
- मौसमी फलों जैसे पपीता और तरबूज का अधिक सेवन करें।
- दूध, दही और छाछ को अपनी डाइट में शामिल करें।
- खाने के बाद गुनगुना दूध पियें।
- घर का बना खाना खाएं।
- सुबह गुनगुना पानी पियें।
- रोजाना सुबह टहलें।
- योग और श्वास व्यायाम की प्रैक्टिस करें।
- एक रोटी के साथ दो कटोरी सब्जी/दाल खाएं।
फिशर-पाइल्स की समस्या होने पर क्या न करें:
- स्मोकिंग, शराब और तंबाकू से बचें।
- मांस, मछली, अंडे या मसालेदार खाना न खाएं।
- चाय, कॉफी और कोल्ड ड्रिंक्स से परहेज करें।
- ज्यादा नमक या चीनी का सेवन न करें।
- जंक फूड जैसे पिज्जा, बर्गर और मैदा से बनी चीजों से बचें।
- तला-भुना खाना न खाएं।
- खट्टे या मसालेदार खाने से बचें।
- लंबे समय तक एक ही स्थिति में न बैठें या खड़े न रहें, खासकर जब खिंचाव या दर्द हो।
- ऐसी स्थितियों से बचें जो मल त्याग के दौरान कब्ज या ज्यादा दबाव का कारण बनें।
- खट्टा खाना खाने के तुरंत बाद या उसके साथ दूध का सेवन न करें।
इन सुझावों का पालन करके आप फिशर और पाइल्स की समस्या को नैचुरली मैनेज कर सकते हैं और अपने स्वास्थ्य में सुधार ला सकते हैं।