तिब्बत भूकंप: मलबे में तब्दील घर, 126 मौतें, और भयानक मंजर

Tibet Earthquake

साल 2025 के शुरुआती दिनों में प्रकृति ने अपनी विनाशकारी ताकत का प्रदर्शन किया। तिब्बत में 7 जनवरी को आए भीषण भूकंप ने व्यापक तबाही मचाई, जिसमें अब तक 126 लोगों की मौत और 188 के घायल होने की पुष्टि हुई है। शिगात्से क्षेत्र में आए 6.8 तीव्रता के इस भूकंप ने हजारों इमारतों को मलबे में बदल दिया। भूकंप का केंद्र तिंगरी काउंटी में था, जो माउंट एवरेस्ट से लगभग 80 किलोमीटर दूर है। इस विनाशकारी घटना ने तिब्बत समेत नेपाल, भूटान और भारत के कुछ हिस्सों में भी भय का माहौल पैदा कर दिया।

तिब्बत में भूकंप के बाद का भयावह दृश्य

भूकंप के बाद तिब्बत में एक ऐसा मंजर सामने आया जो किसी का भी दिल दहला दे।

  • सैकड़ों घरों का मलबा: हजारों घर, होटल, और अन्य इमारतें ताश के पत्तों की तरह ढह गईं।
  • भयभीत लोग: झटकों की तीव्रता इतनी अधिक थी कि नेपाल, भूटान, और भारत के कुछ हिस्सों में भी इसे महसूस किया गया।
  • रेस्क्यू ऑपरेशन जारी: बचाव दल मलबे में दबे लोगों को निकालने में दिन-रात जुटे हुए हैं।
  • राहत सामग्री वितरण: विस्थापितों के लिए तंबू, कंबल, और स्टोव जैसी राहत सामग्री भेजी गई है।

मौसम बना सबसे बड़ी चुनौती

रेस्क्यू ऑपरेशन में सबसे बड़ी बाधा क्षेत्र का मौसम है।

  • माइनस तापमान: तिंगरी काउंटी में इस समय तापमान शून्य से नीचे है।
  • कठिनाई में बचाव दल: ठंड और ऊंचाई के कारण राहत और बचाव कार्यों में देरी हो रही है।

भूकंप का केंद्र: माउंट एवरेस्ट के पास

7 जनवरी को आए भूकंप का केंद्र समुद्र तल से 4,200 मीटर (13,800 फीट) की ऊंचाई पर त्सोगो टाउनशिप में था।

  • चीन और अमेरिका के अलग-अलग आंकड़े:
    • चीन भूकंप नेटवर्क केंद्र (CENC) ने भूकंप की तीव्रता 6.8 मापी।
    • अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) ने इसे 7.1 दर्ज किया।
  • भूकंप के झटके तिब्बत के साथ-साथ काठमांडू और भारत के उत्तरी हिस्सों में भी महसूस किए गए।

सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र: गुरुम गांव

भूकंप का सबसे ज्यादा प्रभाव गुरुम गांव में पड़ा, जहां बड़ी संख्या में मौतें हुईं।

  • गांव में हताहत: 222 निवासियों में से 22 लोगों की मौत हो गई।
  • पारिवारिक त्रासदी: गांव के कम्युनिस्ट पार्टी प्रमुख त्सेरिंग फुंटसोग ने अपनी 74 वर्षीय मां और अन्य रिश्तेदारों को खो दिया।
  • घर से बाहर निकलने का समय नहीं: भूकंप के दौरान कई लोग घरों से बाहर निकलने में असमर्थ रहे, खासकर बुजुर्ग और बच्चे।

शिगात्से क्षेत्र में भारी नुकसान

  • 3,600 से अधिक घर ढहे: शिगात्से क्षेत्र में हजारों इमारतें मलबे में बदल गईं।
  • 30,000 लोग बेघर: विस्थापित लोग अब सरकारी आश्रयों में रह रहे हैं।
  • भूटान की मदद: भूटान की आपातकालीन प्रबंधन एजेंसी ने 1850 बचावकर्मियों को तैनात किया है, जिनमें अग्निशमन और मेडिकल टीमें शामिल हैं।

रेस्क्यू ऑपरेशन और सरकारी प्रयास

  • मीडिया फुटेज: सरकारी मीडिया ने बचावकर्मियों को मलबे से पीड़ितों को निकालते और अस्थायी चिकित्सा शिविरों में ले जाते हुए दिखाया।
  • तिब्बत की मदद: चीन सरकार ने प्रभावित लोगों को सहायता प्रदान करने के लिए राहत सामग्री और टीमों को भेजा है।

त्सोगो टाउनशिप में विशेष ध्यान

  • इस टाउनशिप में लगभग 6,900 लोग रहते हैं।
  • यहां राहत और बचाव कार्यों को प्राथमिकता दी जा रही है।

भविष्य के लिए सतर्कता और चेतावनी

विशेषज्ञों का मानना है कि भूकंप संभावित रूप से भविष्य में और झटकों की चेतावनी हो सकती है।

  • अधिकारियों की अपील: स्थानीय निवासियों को सतर्क रहने और किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार रहने को कहा गया है।
  • स्थानीय प्रशासन की सक्रियता: शिगात्से और त्सोगो क्षेत्रों में निगरानी बढ़ा दी गई है।