कोलकाता, 21 मई (हि.स.)। राजभवन के तीन अधिकारियों को मंगलवार को मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (सीएमएम) अदालत ने एक मुकदमे में अग्रिम जमानत प्रदान की। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस पर कथित तौर पर छेड़छाड़ करने का आरोप लगाने वाली एक महिला को गलत तरीके से रोकने के आरोप में यहां राजभवन के तीन अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। मजिस्ट्रेट अदालत के न्यायाधीश ने तीनों अधिकारियों को पांच-पांच सौ रुपये के मुचलके पर अग्रिम जमानत प्रदान की।
तीनों अधिकारियों ने अदालत से अग्रिम जमानत की गुहार लगाई थी।
पुलिस ने बताया कि राजभवन में संविदा पर काम करने वाली महिला ने कथित छेड़छाड़ मामले में मजिस्ट्रेट के सामने अपना बयान दर्ज कराया था, जिसके बाद यहां हेयर स्ट्रीट थाने में तीन अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
पुलिस के मुताबिक, भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 341 (गलत तरीके से रोकना) और 166 (लोक सेवक द्वारा कानून की अवहेलना करना) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
पुलिस ने बताया कि शिकायतकर्ता ने दो मई को राज्यपाल बोस पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया था, जिसके बाद कोलकाता पुलिस ने मामले की जांच शुरू की थी।
संविधान के अनुच्छेद 361 के तहत, किसी भी राज्य के राज्यपाल के खिलाफ कार्यकाल के दौरान कोई आपराधिक कार्रवाई शुरू नहीं की जा सकती।