येस बैंक दिल्ली की शाखा से साइबर ठगों को दिए जाते थे फर्जी अकाउंट, तीन गिरफ्तार

गुरुग्राम, 4 मार्च (हि.स.)। साइबर पुलिस ने यस बैंक की दिल्ली शाखा के एक शाखा प्रबंधक समेत तीन कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है, जो फर्जी तरीके से खाते खोलते थे। फिर पैसे लेकर साइबर जालसाजों को बेच देते थे। पुलिस ने आरोपियों को अदालत से चार दिन की पुलिस रिमांड पर लिया है।

पुलिस के मुताबिक गिरफ्तार आरोपियों की पहचान मोहम्मद मुकीम, अनिकेश और रोहसन कुमार के रूप में हुई है। ये तीनों बिहार के मूल निवासी हैं और फिलहाल दिल्ली में रहते थे। आरोपी मोहम्मद मुकीम यस बैंक की लाजपत नगर, दिल्ली शाखा का शाखा प्रबंधक था जबकि अंकेश और रोशन कुमार यस बैंक में सेल्स ऑफिसर के रूप में कार्यरत थे।

प्रियांशु दीवान एसीपी साइबर ने कहा कि पिछले साल एक गुरुग्राम निवासी ने शिकायत दर्ज कराई थी कि 10 अप्रैल को उनके मोबाइल नंबर पर एक कॉल आई थी। कॉल करने वाले ने बताया कि वे फेडेक्स से कॉल कर रहे थे और उनका एक पार्सल सीमा शुल्क विभाग द्वारा जब्त कर लिया गया है। इसमें अवैध वस्तुएं शामिल हैं। उन्होंने कहा कि वे मामले की रिपोर्ट करने के लिए उसकी कॉल को मुंबई पुलिस को स्थानांतरित कर देंगे और मामले से उसका नाम हटाने के नाम पर उन्होंने उससे 921500 रुपये ठग लिए। साइबर अपराध पुलिस स्टेशन, पूर्व में एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

जांच के दौरान साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन, ईस्ट के SHO इंस्पेक्टर जसवीर के नेतृत्व में एक टीम ने आखिरकार उपरोक्त धोखाधड़ी में शामिल इन तीन आरोपियों को शनिवार की रात दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया।

एसीपी साइबर प्रियांशु दीवान के मुताबिक

“आरोपी यस बैंक में विभिन्न पदों पर कार्यरत थे। ये फर्जी तरीके से फर्जी दस्तावेज तैयार कर यस बैंक में खाते खुलवाते थे। बैंक खाता खोलने के नाम पर एक अन्य आरोपी सुहैल अकरम से 2 लाख रुपये लिए गए और आपस में बांट लिए गए। ठगी गई रकम में से 1,52,000 रुपये की रकम आरोपी द्वारा दिए गए बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी गई। वे फर्जी तरीके से खाता खुलवाते थे और पैसे लेकर साइबर ठगों को बेच देते थे। यह पता लगाने के लिए आगे की जांच चल रही है कि इन आरोपियों ने कितने अन्य खाते खोले हैं और प्रति खाता कितना पैसा लिया है। इस गिरोह में और कौन शामिल है।

गौरतलब है कि इसी तरह के एक मामले में 27 फरवरी को साइबर पुलिस ने साइबर ठगों की मदद करने के आरोप में कोटक महिंद्रा बैंक के तीन मैनेजरों को गिरफ्तार किया था. उन्हें मेवात से उनके सहयोगी के साथ गिरफ्तार किया गया था, जिनके कहने पर उन्होंने धोखाधड़ी को अंजाम देने के लिए उन्हें बैंक खाते उपलब्ध कराए थे।