शिवपुरी: राम जन्मोत्सव के गवाह बने हजारों भक्त, करैरा में रही धूम

शिवपुरी, 17 अप्रैल (हि.स.)। बाबा भानगिर की तपोभूमि बाबा का बाग करैरा में विराजमान भगवान श्री राम दरबार में रामनवमी पर बुधवार को दोपहर 12 बजे से पूर्व ही हजारों भक्त मन्दिर परिसर में एकत्रित होना शुरू हो गए थे। सभी ने भक्ति भाव से श्री राम जन्मोत्सव विधि-विधान और मंत्रोच्चार के बीच मनाया।

इसके पहले रामलला को भव्य और दिव्य आभूषणों से श्रृंगार किया गया। जिस प्रकार भगवान श्री राम की नगरी अयोध्या और ओरछा में रामनवमी की धूम है उसी प्रकार करैरा में भी चारों ओर धूम मची हुई है। यहां पर क्षेत्र के कोने-कोने से हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे हैं। भगवान श्री राम के मंदिर के अलावा बाबा का बाग में विराजे हनुमान जी एवम् भोले बाबा के दर्शन-पूजन के लिए भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे ।

पुलिस ने रखी चाक चौबंद व्यवस्था

श्रद्धालुओं के आगमन एवम् सुरक्षा की दृष्टि से व्यापक इंतजाम किए गए। तो वहीं पुलिस द्वारा भगवान को शस्त्र सलामी दी गई। दोपहर 12 बजे रामलला का जन्मोत्सव मनाया गया? प्रभू श्री राम का भव्य मंदिर निर्माण होने के बाद रामलला के पहले जन्म उत्सव को लेकर जबरदस्त उत्साह एवं उल्लास रहा।

मन्दिर समिति के सदस्य रवि गोयल एवम् प्रदीप श्रीवास्तव ने बताया कि रामनवमी का त्यौहार प्रत्येक वर्ष चैत्र शुक्ल की नवमी तिथि को मनाया जाता है। हिंदु धर्म शास्त्रों के अनुसार आज के दिन ही भगवान श्री राम जी का जन्म हुआ था। रामनवमी का यह पर्व देश में भगवान राम के प्रति आस्था और श्रद्धा का प्रतीक है। आज के दिन भगवान राम का जन्म अयोध्या नगरी में हुआ था जिसका उत्साह अयोध्या के साथ साथ करैरा और सम्पूर्ण देश में दिखाई दे रहा है।

बाबा के बाग में चल रही अखण्ड राम धुन

भगवान श्री राम के जन्म से पूर्व ही नवरात्रि के प्रथम दिवस से ही करैरा के ब्राह्मण समाज द्वारा रामधुन शुरू कर दी गई थी। यहां पर 100 से अधिक वर्षों से प्रति वर्ष अखण्ड रामधुन का भजन किया जाता है जिसका समापन भी प्रभू के जन्म के साथ ही नवमी तिथि को ही पूर्ण होता है।

मन्दिर में बज रही बधाइयां और गीत

दोपहर ठीक 12 बजे रामलला के जन्म की आरती हुई, इससे पूर्व से ही मन्दिर परिसर में गीत व बधाईयां गाने वाले भक्तों का तांता लगा हुआ था। कई भक्त अपने अपने घरों से विषेश प्रकार का भोग बनाकर ले गए थे जो प्रभु श्री राम को अर्पित किए। जो एक अद्भुत क्षण था।