इस साल रमा एकादशी पर बन रहे हैं 2 शुभ योग, जानिए धन-धान्य की प्राप्ति के लिए व्रत की सही तारीख और पूजा विधि

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दिवाली का त्योहार बस आने को ही है और उससे पहले भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा पाने का एक बहुत ही शुभ दिन आ रहा है, जिसे रमा एकादशी के नाम से जाना जाता है। हर साल कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को यह व्रत रखा जाता है। माना जाता है कि इस एक व्रत को करने से भक्तों के सभी पाप धुल जाते हैं और उन्हें धन-धान्य की कोई कमी नहीं रहती।

इस साल यह एकादशी और भी खास होने वाली है क्योंकि इस दिन दो बहुत ही शुभ योग बन रहे हैं, जिससे इस व्रत का महत्व कई गुना बढ़ गया है।

कब है रमा एकादशी और कौन से शुभ योग बन रहे हैं?

पंचांग के अनुसार, इस साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 21 अक्टूबर 2025, मंगलवार को पड़ रही है।

इस दिन दो बेहद शुभ योगों का निर्माण हो रहा है:

  1. ब्रह्म योग: इसके बाद ब्रह्म योग शुरू हो जाएगा।

ज्योतिष में इन दोनों ही योगों को पूजा-पाठ और मांगलिक कार्यों के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इस मुहूर्त में की गई पूजा का फल कई गुना अधिक मिलता है।

कैसे करें रमा एकादशी की पूजा?

अगर आप भी इस दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी का आशीर्वाद पाना चाहते हैं, तो इस सरल विधि से पूजा करें:

  1. भगवान की स्थापना: घर के मंदिर में एक चौकी पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
  2. पूजा सामग्री: भगवान को फल, फूल, पंचामृत, तुलसी दल, मिठाई और धूप-दीप अर्पित करें। ध्यान रहे कि भगवान विष्णु की पूजा में तुलसी का प्रयोग अनिवार्य है।
  3. मंत्रों का जाप: पूजा के दौरान "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" मंत्र का जाप करते रहें।
  4. कथा का श्रवण: रमा एकादशी की व्रत कथा जरूर पढ़ें या सुनें।
  5. आरती: पूजा के अंत में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आरती करें।
  6. पारण: अगले दिन यानी द्वादशी तिथि को ब्राह्मणों को भोजन कराने और दान-दक्षिणा देने के बाद ही अपना व्रत खोलें।

मान्यता है कि जो भी व्यक्ति पूरी श्रद्धा और नियम से रमा एकादशी का व्रत करता है, उसे मृत्यु के बाद बैकुंठ धाम में स्थान मिलता है और उसके जीवन में कभी भी सुख-समृद्धि की कमी नहीं होती।

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