इस बार रवींद्र जड़ेजा को लेकर गलती नहीं करेगी CSK! आईपीएल के पहले मैच में संकेत देखने को मिले

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आईपीएल 2024 की शुरुआत हो चुकी है. पहला मैच चेन्नई सुपर किंग्स और रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के बीच है। मैच के दौरान सबकी नजरें इस बात पर थीं कि ऋतुराज गायकवाड़ की कप्तानी कैसी होगी? कहीं 2022 सीजन में उनका हाल भी जडेजा जैसा तो नहीं हो जाएगा. गायकवाह सिर्फ धोनी की छाया नहीं रहेंगे. पहले मैच में चेन्नई पहले फील्डिंग करने उतरी और मैदान पर जो कुछ भी हुआ उससे कई संकेत भी मिले.

धोनी की छाया से बाहर निकलना मुश्किल है

वैसे तो ऋतुराज गायकवाड़ टीम के कप्तान हैं लेकिन मैदान पर महेंद्र सिंह धोनी लीडर के तौर पर नजर आते हैं. महेंद्र सिंह धोनी का कद ऐसा हो गया है कि किसी नए खिलाड़ी के लिए उनकी छाया से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है. ऐसे में टॉस के दौरान ऋतुराज ने कहा कि वह धोनी की जगह नहीं लेंगे. लेकिन वह अपना अस्तित्व बनाने पर जोर देंगे लेकिन मैदान पर चीजें अलग दिख रही थीं। मैदान में बदलाव हो या रणनीति बनाना, धोनी विकेट के पीछे पूरी तरह सक्रिय रहते थे. खेल के हर क्षण और हर पहलू पर उनका पूरा नियंत्रण था।

फ्लेमिंग को धोनी से बात करते हुए भी देखा गया

आरसीबी की बैटिंग के दौरान जब पहला स्ट्रैटेजिक टाइमआउट हुआ तो कोच फ्लेमिंग मैदान पर आए. जिसके बाद धोनी ऋतुराज को समझाते नजर आए. जिसके बाद कमेंटेटर्स भी इस मामले पर चर्चा करने लगे. वीरेंद्र सहवाग ने साफ किया कि धोनी मैदान पर कप्तानी कर रहे हैं. उन्होंने ये बात कमेंट्री पैनल में मौजूद सुरेश रैना को भी बताई. हालाँकि इसके दूसरे पहलू पर भी चर्चा होती रही. पारी के ब्रेक के दौरान जियो सिनेमा पर बोलते हुए रैना ने इसे सही ठहराया। उन्होंने कहा कि गायकवाड़ भी जानते हैं कि उन्हें अभी भी धोनी से बहुत कुछ सीखना है. यह उनका मार्गदर्शन का समय है.

क्या हुआ जडेजा को?

ऋतुराज की कप्तानी पर धोनी के असर की चर्चा के पीछे की वजह 2022 सीजन है. चूंकि इस साल ऋतुराज को कप्तान बनाया गया है. इस तरह जड़ेजा को कप्तान बनाया गया. हालांकि, मैदान पर बतौर कप्तान जडेजा कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर सके. उस सीजन के पहले चार मैचों में चेन्नई की टीम को हार का सामना करना पड़ा था. जडेजा की बल्लेबाजी को भी काफी नुकसान हुआ और वह पूरे सीजन में सिर्फ 112 रन ही बना सके. तब भी धोनी मैदान पर पूरी तरह सक्रिय थे. तब भी आलोचकों ने कहा था कि धोनी के हस्तक्षेप के कारण ही जडेजा कप्तानी में प्रभावी नहीं हो सके.