Rajasthan Health Department : राजस्थान में सरकारी सिरप से मौत की खबर निकली मनगढ़ंत, मंत्री के इस बयान ने सबको चौंकाया

Post

News India Live, Digital Desk:  Rajasthan Health Department : राजस्थान (Rajasthan) से आई एक खबर ने कुछ समय पहले हड़कंप मचा दिया था, जिसमें यह दावा किया गया था कि सिरोही (Sirohi) ज़िले में सरकारी सिरप पीने से बच्चों की मौत हो गई। इस मामले को लेकर जनता और मीडिया में काफी सवाल उठ रहे थे। लेकिन अब स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर (Gajendra Singh Khinwsar) ने इस मामले पर एक बड़ा स्पष्टीकरण दिया है, जिससे यह पूरा मामला एक नए मोड़ पर आ गया है।

स्वास्थ्य मंत्री ने खारिज की 'सरकारी सिरप' से मौत की बात

स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने मीडिया के सामने आकर साफ तौर पर कहा कि सिरोही ज़िले में हुई बच्चों की मौत का कारण 'सरकारी सिरप' नहीं है। उनके मुताबिक, जो भी खबरें सरकारी दवा की वजह से बच्चों के मरने की बात कह रही थीं, वे 'सरासर गलत और मनगढ़ंत' हैं। इस बयान के बाद राजस्थान के स्वास्थ्य विभाग ने चैन की सांस ली है।

तो फिर क्या थी मौत की असली वजह?

स्वास्थ्य मंत्री ने स्पष्ट किया कि सिरोही के एक बच्चे को जब स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र पर सरकारी दवा दी गई, तब उसे हल्की सर्दी-खांसी (cold and cough) की शिकायत थी। यह सामान्य उपचार का हिस्सा था। लेकिन बाद में पता चला कि यह बच्चा वायरल इंफेक्शन (viral infection) से भी पीड़ित था, और शायद यहीं से असली समस्या शुरू हुई। उनका कहना है कि सरकारी दवा ने बच्चों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया, बल्कि उन्हें जो दूसरी गंभीर बीमारियां थीं, उनसे ही उनकी हालत बिगड़ी होगी। उन्होंने इस घटना को लेकर चल रही 'अफ़वाहों' को खारिज किया।

मीडिया कवरेज और राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप

आपको बता दें कि कुछ दिनों पहले यह मामला काफी सुर्खियों में आया था, जिसमें 'ऑग्लैड' (AugLid) नामक एक सरकारी सिरप पर सवाल खड़े किए गए थे। रिपोर्टों में कहा गया था कि इस सरकारी सिरप को पीने के बाद तीन बच्चे बीमार पड़ गए और उनमें से दो की कथित तौर पर मौत हो गई थी। इसके बाद राजस्थान की राजनीति में भी यह एक बड़ा मुद्दा बन गया था और विपक्ष ने सरकार पर हमला बोल दिया था।

लेकिन अब स्वास्थ्य मंत्री खींवसर के बयान के बाद यह साफ हो गया है कि बच्चों की मौत सरकारी दवा से नहीं हुई थी, बल्कि उन्हें कोई और बीमारी थी। उन्होंने इस तरह की 'गलत जानकारी' फैलाने वालों पर भी निशाना साधा है। यह मामला एक राष्ट्रीय चिंता का विषय था, जो अब साफ़ होता दिख रहा है।

--Advertisement--