देश की इस प्रमुख पार्टी को चुनावी बांड में एक रुपया भी नहीं मिला

चुनावी बॉन्ड: भारतीय चुनाव आयोग ने गुरुवार को भारतीय स्टेट बैंक से प्राप्त चुनावी बॉन्ड से संबंधित आंकड़े अपनी वेबसाइट पर जारी किए. जिसमें खुलासा हुआ है कि देश की 25 राजनीतिक पार्टियों को चुनावी बॉन्ड के जरिए चंदा मिल रहा है. इसमें बीजेपी-कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी समेत उत्तर प्रदेश की प्रमुख पार्टियों के नाम शामिल हैं. चुनावी बांड के आंकड़ों की घोषणा के बाद हर किसी के मन में यह सवाल बार-बार उठ रहा है कि किस राजनीतिक दल को चुनावी बांड के जरिए फंड मिला है और किसे सबसे ज्यादा फंड मिला है।

जानिए किसे मिला कितना फंड

चुनाव आयोग द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, भारतीय जनता पार्टी को सबसे ज्यादा 60.60 अरब रुपये का फंड मिला है, इसके बाद पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी की तृणमूल 16.09 अरब रुपये के साथ दूसरे और कांग्रेस 10.09 करोड़ रुपये के साथ तीसरे स्थान पर है। 14.21 अरब का फंड मिला.

सपा को 14 करोड़ रुपये का फंड मिला

उत्तर प्रदेश की प्रमुख राजनीतिक पार्टियों अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी और मायावती की बहुजन समाज पार्टी की बात करें तो चुनाव आयोग द्वारा दी गई सूची में एसपी सोलहवें स्थान पर है, एसपी को 14 करोड़ रुपये का फंड मिला है. इस सूची में बहुजन समाज पार्टी का नाम नहीं है. 426 पेज की रिपोर्ट में कहीं भी बीएसपी का जिक्र नहीं है. जबकि एसपी का नाम 46 बार लिया गया है. एसबीआई ने चुनाव आयोग को जो रिपोर्ट सौंपी है, उसमें एसपी का नाम आदर्श समाजवादी पार्टी बताया गया है.

इन कंपनियों ने चुनावी बांड खरीदे

चुनाव आयोग द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, राजनीतिक दलों की मदद के नाम पर सबसे ज्यादा चुनावी बॉन्ड खरीदने वाली कंपनियों में ग्रासिम इंडस्ट्रीज, मेघा इंजीनियरिंग, पीरामल एंटरप्राइजेज, टोरेंट पावर, भारती एयरटेल, डीएलएफ कमर्शियल डेवलपर्स और वेदांत लिमिटेड शामिल हैं। अपोलो टायर्स, लक्ष्मी मित्तल, एडलवाइस, पीवीआर, कैवेंटर, सुला वाइन, वेलस्पन, सन फार्मा जैसी कंपनियों के नाम शामिल हैं।

बता दें कि चुनावी बॉन्ड को लेकर सुप्रीम कोर्ट के सख्त आदेश के बाद भारतीय स्टेट बैंक ने दो पेन ड्राइव में जानकारी दी थी, जिसके बाद चुनाव आयोग ने 14 मार्च को सारा डेटा वेबसाइट पर अपलोड कर दिया था. पूरी जानकारी दो भागों में दी गई है. पहले भाग में तारीख के अनुसार बांड खरीदने वालों के नाम और रकम दी गई है। दूसरे भाग में बांड भुनाने वाले पक्षों के नाम दिए गए हैं।