103 सीटों वाले 4 राज्यों में बीजेपी के लिए सिरदर्द है ये मुद्दा, 2019 में दोहराना मुश्किल

लोकसभा चुनाव 2024 : लोकसभा चुनाव में बीजेपी की रणनीति के लिए चार राज्यों कर्नाटक, राजस्थान, हरियाणा और बिहार के राजनीतिक और सामाजिक समीकरण बेहद अहम साबित होंगे. इन राज्यों में बीजेपी को न सिर्फ अपने अंदरूनी मामलों से निपटना है, बल्कि कई सीटों पर विपक्ष से चुनौती मिलने की भी संभावना है. पिछले चुनाव में यहां बीजेपी और एनडीए को बड़ी सफलता मिली थी.

विपक्ष की हालत खस्ता… 

पिछले लोकसभा चुनाव में जब बीजेपी ने 300 का आंकड़ा पार किया था, तब पार्टी और उसके गठबंधन ने इन चार राज्यों की 103 में से 99 सीटें जीती थीं और केवल चार सीटें विपक्ष के खाते में गईं थीं. बीजेपी इस चुनाव में भी यह आंकड़ा दोहराना चाहती है, लेकिन टिकट वितरण, आयातित उम्मीदवारों को टिकट देना, नए सहयोगियों और विपक्षी रणनीति जैसे मुद्दों के साथ बीजेपी को कई चुनौतियों से पार पाना होगा। 

कर्नाटक में बीजेपी में असंतोष 

बीजेपी के लिए सबसे बड़ी समस्या कर्नाटक है. पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 28 में से 25 सीटें जीती थीं. हालांकि, विधानसभा चुनाव में उन्हें कांग्रेस से करारी हार का सामना करना पड़ा। इस लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने सामाजिक समीकरण साधने के लिए जेडीएस के साथ गठबंधन किया है. जेडीएस नेता पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा वोक्कालिगा समुदाय से आते हैं और इस समुदाय पर उनका काफी प्रभाव है, वहीं बीएस येदियुरप्पा के कारण राज्य का प्रभावशाली लिंगायत समुदाय बीजेपी समर्थक माना जाता है. हालांकि, कर्नाटक में कांग्रेस सरकार बनने के बाद हालात बदल गए हैं. उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार वोक्कालिगा समुदाय के प्रभावी नेता बनकर उभरे हैं. ऐसे में जेडीएस के साथ जाने से बीजेपी को कितना फायदा होगा, इसमें संदेह है. इसके अलावा सदानंद गौड़ा, अनंत हेगड़े और नलिन कटिल जैसे अपने मौजूदा सांसदों के टिकट काटे जाने से भी बीजेपी में नाराजगी है.

हरियाणा में कड़ा मुकाबला 

पिछली बार हरियाणा की सभी 10 सीटें बीजेपी ने जीती थीं. पार्टी ने हाल ही में मुख्यमंत्री बदलने के साथ अपनी रणनीति में बदलाव किया है, हालांकि यहां मुकाबला कड़ा हो सकता है। पार्टी ने कुरूक्षेत्र में कांग्रेस के नवीन जिंदल, सिरसा में अशोक तंवर और हिसार में हाल ही में पार्टी में शामिल हुए रणजीत चौटाला को टिकट दिया है। इस वजह से पार्टी में नाराजगी देखी जा रही है. यहां आयातित उम्मीदवारों को टिकट मिलना बीजेपी के लिए सिरदर्द बन सकता है. 

राजस्थान में कांग्रेस कड़ी टक्कर दे रही है 

राजस्थान में पिछले चुनाव में बीजेपी ने गठबंधन की सभी 25 सीटें जीती थीं. इनमें से उन्होंने खुद 24 और उनकी तत्कालीन सहयोगी आरएलपी ने एक सीट जीती थी. इस बार राज्य में बीजेपी की सरकार है, लेकिन बांसवाड़ा, कोटा, बाड़मेर, चूरू और अलवर की सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवार कड़ी टक्कर दे रहे हैं. 

बिहार में जातीय समीकरण अहम 

बिहार में 2019 के चुनाव में बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए ने 40 में से 39 सीटें जीतीं. इस बार भी बीजेपी का उसी तरह का गठबंधन है. इसमें दो और पार्टियां भी शामिल हैं. हालांकि, इस दौरान राजद भी काफी मजबूत हो गई है. यहां सामाजिक-लिंग समीकरण बहुत महत्वपूर्ण है। राजद और उसके सहयोगी दल अब कई सीटों पर चुनौती दे रहे हैं.