RamnathKOvind onTirupati Tempil Prasad Controversy: पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने तिरूपति मंदिर के प्रसाद को लेकर चल रहे विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने प्रसाद में मिलावट को बेहद चिंताजनक बताया है. उन्होंने शनिवार को एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि इस घटना के सामने आने के बाद प्रसाद के प्रति हिंदुओं की आस्था पर संदेह पैदा हो गया है. पूर्व राष्ट्रपति ने आगे कहा कि पिछले तीन-चार दिनों से एक बेहद चिंताजनक खबर सामने आ रही है. हालाँकि मैं बनारस में रहता था, लेकिन बाबा विश्वनाथ के दर्शन नहीं कर सका। लेकिन मेरे कुछ साथी दर्शन के लिए चले गये. वहां से उन्होंने मुझे बाबा का प्रसाद दिया, जैसे ही वह प्रसाद मेरे हाथ में आया मुझे अचानक ही तिरूपति मंदिर का प्रसाद याद आ गया। मैं अकेला नहीं हूं जिसका प्रसाद पर अटूट विश्वास है। लेकिन मिलावट का जो मामला सामने आया है उसे हिंदू धर्मग्रंथों में पाप के समान बताया गया है।
आपको बता दें कि तिरूपति मंदिर के प्रसाद में जानवरों की चर्बी की मिलावट का मामला सामने आने के बाद केंद्र सरकार ने आंध्र प्रदेश सरकार से रिपोर्ट मांगी है. इस मामले में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने सीएम चंद्रबाबू नायडू से भी बात की. साथ ही उन्होंने कहा कि इस मामले में जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
प्रसाद बनाने में भी मछली के तेल का उपयोग किया जाता था
हाल ही में आई एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि तिरूपति मंदिर में प्रसाद बनाते समय गोमांस की चर्बी और मछली के तेल का इस्तेमाल किया जा रहा है। यह खुलासा तिरुपति मंदिर के प्रसाद की जांच से जुड़ी रिपोर्ट में हुआ है. खास बात यह है कि इस मामले में कुछ दिन पहले आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू ने आरोप लगाया था कि पिछली सरकार के दौरान तिरूपति मंदिर के प्रसाद बनाने में घी की जगह जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया जाता था. इन आरोपों के मद्देनजर मंदिर से प्रसाद के नमूने जांच के लिए भेजे गए थे. अब इस जांच की रिपोर्ट आ गई है. रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि इसमें जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया गया था.
पूर्व सीएम ने किया पलटवार
सीएम नायडू के आरोपों का जवाब देते हुए जगन मोहन रेड्डी की पार्टी YSRCP ने कहा कि चंद्रबाबू नायडू का तिरूपति मंदिर के प्रसाद को लेकर दिया गया बयान बेहद बेतुका है. ऐसा आरोप लगाने से पहले सोचना चाहिए. उनके इस बयान से साबित हो गया है कि नायडू राजनीति में पीछे नहीं हटेंगे.