यूरिक एसिड को नियंत्रित करने और प्यूरीन को छानने में फायदेमंद है ये जड़ी बूटी, जानें कैसे करें इसका इस्तेमाल

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इस भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग हल्के-फुल्के दर्द को गंभीरता से न लेकर नजरअंदाज कर देते हैं। ऐसा ही एक दर्द है पैरों की एड़ी में अचानक होने वाला दर्द और उससे जुड़ी सूजन, जिसका मुख्य कारण यूरिक एसिड का बढ़ना है। अगर समय रहते इसे कंट्रोल न किया जाए तो कई स्वास्थ्य समस्याएं होने लगती हैं, जैसे गठिया, डायबिटीज, जोड़ों में दर्द, सूजन आदि। यहां तक ​​कि किडनी में पथरी और किडनी फेलियर का खतरा भी बढ़ जाता है। इसलिए यूरिक एसिड को कंट्रोल करना बेहद जरूरी है। ऐसे में आप दवाइयों के अलावा कुछ आयुर्वेद अपनाकर और खानपान में कुछ बदलाव करके यूरिक एसिड के लेवल को कम कर सकते हैं। इन्हीं आयुर्वेद में से एक है गिलोय। आइए जानते हैं गिलोय किस तरह यूरिक एसिड के लेवल को कम करने में कारगर है।

गिलोय यूरिक एसिड को नियंत्रित करेगा

गिलोय एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है। यह कई बीमारियों में कारगर है। अगर आप यूरिक एसिड की समस्या से पीड़ित हैं तो गिलोय इस समस्या को नियंत्रित करने में भी कारगर है। गिलोय में उच्च मात्रा में एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्व होते हैं जो यूरिक एसिड के लक्षणों को कम करते हैं। इसके लिए आपको बस इसके इस्तेमाल का सही तरीका पता होना चाहिए।

यूरिक एसिड से पीड़ित मरीजों को गिलोय का इस तरह से उपयोग करना चाहिए।

गिलोय का रोजाना इस्तेमाल करना फायदेमंद रहेगा। इसके लिए सबसे पहले गिलोय की ताजी पत्तियों और तने को तोड़ लें। इसके बाद इसे रात भर भिगो दें। अगली सुबह इसे पीस लें। इसके बाद एक पैन में 1 गिलास पानी और इस पाउडर को डालकर गैस पर रख दें। अब इसे तब तक उबालें जब तक यह आधा न हो जाए। इसके बाद इसे छानकर पी लें।