आज के समय में बाल झड़ना जितना आम हो गया है, इसका इलाज भी उतना ही मुश्किल है। खान-पान और तनावपूर्ण जीवनशैली से लेकर गलत उत्पादों के इस्तेमाल तक, बाल झड़ने के लिए कई कारण जिम्मेदार हैं। ऐसे में आप चाहे कितने भी हेयर केयर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करें, सभी बेअसर साबित होते हैं। ऐसे में सबसे आखिरी और सुरक्षित विकल्प बचता है प्राकृतिक उपचार… और जब प्राकृतिक उपचार की बात आती है तो आयुर्वेद से बेहतर क्या हो सकता है?
यहां हम आपको कुछ ऐसी जड़ी-बूटियों (Ayurvedic Herbs for Hair Fall) के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें आयुर्वेद में बालों के लिए संजीवनी माना जाता है। इनके इस्तेमाल से न सिर्फ बालों का झड़ना रोका जा सकता है, बल्कि ये बालों को खूबसूरत और स्वस्थ रखने में भी मददगार साबित होती हैं। आपको बता दें कि हमने इस बारे में आयुर्वेदाचार्य संदीप उपाध्याय से बात की है और उनसे मिली जानकारी यहां आपके साथ शेयर कर रहे हैं। तो आइए जानें इन आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों के बारे में…
ब्राह्मी
आयुर्वेद में ब्राह्मी को बहुत ही उपयोगी पौधा माना जाता है, जिसका उपयोग मानसिक समस्याओं के उपचार के साथ-साथ त्वचा और बालों को स्वस्थ रखने में भी कारगर साबित होता है। आपको बता दें कि एनाल्जेसिक और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के कारण ब्राह्मी रूसी की समस्या को दूर करती है और बालों को नई जान देती है। स्कैल्प को स्वस्थ बनाने के अलावा यह बालों को झड़ने से रोकती है और उनकी ग्रोथ में मदद करती है।
इस्तेमाल के लिए ब्राह्मी के पत्तों को पीसकर उसमें नारियल का तेल मिलाकर सिर पर लगाएं। इस पेस्ट को बालों पर कुछ देर के लिए लगा रहने दें और फिर माइल्ड शैम्पू से बाल धो लें। आप ऐसा हफ़्ते में एक या दो बार कर सकते हैं।
Bhringraj
भृंगराज बालों के लिए बहुत उपयोगी आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है। आपको बता दें कि भृंगराज में आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम जैसे खनिजों के साथ-साथ विटामिन डी और विटामिन ई भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है। ऐसे में इससे तैयार तेल स्कैल्प और बालों की जड़ों में रक्त संचार को बेहतर बनाकर बालों की ग्रोथ में मददगार साबित होता है। भृंगराज बालों के रोम को सक्रिय करता है, जिससे बाल अंदर से मजबूत होते हैं और टूटने से बचते हैं।
इसका इस्तेमाल करने के लिए भृंगराज के पत्तों के पाउडर को गुनगुने नारियल तेल में मिलाकर पेस्ट की तरह बालों पर लगाएं। इस पेस्ट को कुछ देर बालों पर लगा रहने दें और फिर बाल धो लें।
करौंदा
आंवला बालों के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं है। आंवला का आंतरिक और बाहरी दोनों तरह से इस्तेमाल बालों के लिए फायदेमंद साबित होता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-बैक्टीरियल गुण बालों में रूसी और संक्रमण की समस्या से छुटकारा दिलाने में मदद करते हैं। इसमें मौजूद विटामिन सी और अन्य पोषक तत्व बालों की ग्रोथ में मददगार होते हैं।
इसका इस्तेमाल करने के लिए आंवला पाउडर को नारियल के तेल में मिलाकर पेस्ट की तरह बालों पर लगाएं या फिर आप ताजे आंवले को पीसकर उसका रस भी बालों पर लगा सकते हैं।
एलोविरा
एलोवेरा बालों के लिए भी बहुत उपयोगी पौधा है जो बालों को पोषण देने के साथ-साथ उन्हें स्वस्थ रखने में भी मदद करता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और एंटीबैक्टीरियल गुण स्कैल्प को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। इसमें विटामिन ए, विटामिन सी और विटामिन ई के साथ-साथ अमीनो एसिड भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जिसकी वजह से यह बालों को बढ़ाने में मदद करता है।
इसका इस्तेमाल करने के लिए आप एलोवेरा के ताजे पत्तों से निकाले गए जेल को अपने बालों पर हेयर मास्क की तरह लगा सकते हैं। इस मास्क को बालों की जड़ों से लेकर सिरे तक लगाएं ताकि बालों को एलोवेरा का पूरा पोषण और नमी मिल सके। इस मास्क को आधे घंटे तक लगाए रखने के बाद आप सादे पानी से अपना सिर धो सकते हैं। आप चाहें तो एलोवेरा जेल में नारियल या जैतून का तेल भी मिला सकते हैं।
इन जड़ी-बूटियों के साथ-साथ नीम, अश्वगंधा और हिबिस्कस भी बालों के लिए बेहद कारगर जड़ी-बूटियां मानी जाती हैं। उल्लेखनीय है कि प्राचीन समय में जब इतने सौंदर्य उत्पाद नहीं थे, तब महिलाएं अपने बालों की देखभाल के लिए इन जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल करती थीं। देखा जाए तो सीमित संसाधनों के साथ भी इन जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल तमाम तरह की सौंदर्य और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से बचाने में मददगार साबित हुआ है। ऐसे में इसका इस्तेमाल आज के समय में भी उतना ही उपयोगी और कारगर हो सकता है, बशर्ते इसका इस्तेमाल सही तरीके से किया जाए।
हमें उम्मीद है कि यह स्वास्थ्य संबंधी जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी।