ये हैं भारत के वो मंदिर, जहां मिलता है आस्था के साथ स्वाद का अनोखा आशीर्वाद

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भारत में मंदिरों में मिलने वाला प्रसाद सिर्फ एक मीठा भोग नहीं होता, बल्कि उसे भगवान का आशीर्वाद माना जाता है. यह प्रसाद हमारी आस्था और संस्कृति का एक अटूट हिस्सा है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि हमारे देश में कुछ मंदिर ऐसे भी हैं, जहां का प्रसाद इतना अनोखा और स्वादिष्ट होता है कि लोग दूर-दूर से सिर्फ उस स्वाद को चखने के लिए आते हैं?

आइए, आपको ले चलते हैं एक ऐसे ही भक्ति और स्वाद के सफर पर.

1. जगन्नाथ मंदिर, पुरी (महाप्रसाद)

पुरी के जगन्नाथ मंदिर की रसोई को दुनिया की सबसे बड़ी रसोई माना जाता है. यहां 56 तरह के भोग (महाप्रसाद) तैयार किए जाते हैं, जिन्हें मिट्टी के बर्तनों में लकड़ी की आंच पर पकाया जाता है. इस प्रसाद की सबसे खास बात यह है कि इसका स्वाद दिव्य होता है और यह कभी भी कम नहीं पड़ता, चाहे लाखों भक्त क्यों न आ जाएं.

2. तिरुपति बालाजी मंदिर, आंध्र प्रदेश (लड्डू)

तिरुपति का नाम सुनते ही मुंह में स्वादिष्ट लड्डू का स्वाद आ जाता है. यहां मिलने वाला लड्डू कोई आम लड्डू नहीं है. इसे बनाने का तरीका और सामग्री गुप्त रखी जाती है. बेसन, घी, चीनी और इलायची से बने इस लड्डू को पाने के लिए लोग घंटों लाइन में लगते हैं. इसे GI टैग भी मिला हुआ है, जो इसकी खासियत को बताता है.

3. महाकालेश्वर मंदिर, उज्जैन (भस्म की आरती)

उज्जैन के महाकाल मंदिर का प्रसाद थोड़ा अलग है. यहां सुबह होने वाली भस्म आरती के बाद भक्तों को राख (भस्म) प्रसाद के रूप में दी जाती है. यह प्रसाद जीवन और मृत्यु के चक्र को दर्शाता है और इसे बहुत पवित्र माना जाता है. इसके साथ ही यहां सूखी मिठाइयां भी प्रसाद के रूप में मिलती हैं.

4. विमला मंदिर, ओडिशा (यहाँ मिलता है नॉन-वेज प्रसाद)

यह सुनकर शायद आपको हैरानी हो, लेकिन ओडिशा में मौजूद इस मंदिर में देवी को मछली का भोग लगाया जाता है. दुर्गा पूजा के दौरान यहां देवी को मांसाहारी प्रसाद चढ़ाया जाता है और फिर भक्तों में बांटा जाता है. यह हमारी संस्कृति की विविधता को दिखाता है.

इन मंदिरों का प्रसाद हमें सिखाता है कि भारत में आस्था के कितने अलग-अलग और खूबसूरत रंग हैं. यह सिर्फ एक भोग नहीं, बल्कि उस जगह की परंपरा, संस्कृति और लोगों के प्यार का प्रतीक है.

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