इतना ही नहीं, चांदी में मौजूद एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरल गुण त्वचा पर हानिकारक बैक्टीरिया के विकास को रोकने में भी काफी मददगार होते हैं। जिससे त्वचा की सूजन और लालिमा की समस्या कम हो जाती है।
चांदी धातु में शक्तिशाली रोगाणुरोधी गुण होते हैं। यही कारण है कि चांदी के आभूषण पहनने से जोड़ों के दर्द और जकड़न से राहत मिलती है।
पहले के समय में लोग शरीर के घावों को ठीक करने के लिए चांदी का इस्तेमाल करते थे। आपको बता दें कि चांदी के गहने पहनने से ना सिर्फ घाव जल्दी भरते हैं बल्कि दाग-धब्बे की समस्या भी कम हो जाती है।
चांदी के आभूषण पहनने से मन शांत होता है और तनाव, चिंता और क्रोध पर नियंत्रण रहता है। इतना ही नहीं, चांदी ऊर्जा के स्तर में सुधार करके नींद संबंधी समस्याओं को भी कम करने में मदद कर सकती है।
चाँदी को शीतलता देने वाली धातु माना जाता है। इसे पहनकर आप अपने गुस्से पर काबू पा सकते हैं। चांदी पहनने से मानसिक बेचैनी भी कम होती है।
चांदी पहनने से आंखों से जुड़ी परेशानियां, एसिडिटी और शरीर की जलन दूर होती है। चांदी के बर्तनों का प्रयोग करने से व्यक्ति को मानसिक रोगों से भी मुक्ति मिलती है।
चांदी के आभूषण पहनने से शरीर का तापमान नियंत्रित रहता है। चांदी अपने शीतलन गुणों के कारण गर्मियों में शरीर के तापमान को ठंडा रखने में मदद करती है।