कैंसर के खतरे को कम करती हैं ये 5 आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां, डॉक्टर से जानें

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आयुर्वेद में शरीर की सभी बीमारियों का इलाज मिलता है। हालाँकि, इसमें कैंसर के लिए किसी विशेष इलाज का उल्लेख नहीं है। लेकिन, गंभीर बीमारियों से बचाव के लिए कुछ आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का जिक्र किया गया है। आयुर्वेद के अनुसार इसे लगातार बढ़ने वाली बीमारियों की श्रेणी में शामिल किया गया है। इसकी शुरुआत शरीर में गांठ के रूप में होती है। वात, जो कफ और पित्त की सूजन से जुड़ा है। लेकिन, आयुर्वेद में कई ऐसी औषधियां और जड़ी-बूटियां बताई गई हैं, जो आपको लाइलाज बीमारियों से बचने में मदद करती हैं। आइये डॉ. एस.के. पाठक, वरिष्ठ सलाहकार, प्राकृतिक चिकित्सा विभाग, वेव क्योर सेंटर, नोएडा से जानें कि कैंसर से बचाव के लिए किन जड़ी-बूटियों का उपयोग किया जा सकता है।

कैंसर से बचाव के लिए उपयोगी जड़ी-बूटियाँ –
हल्दी
हल्दी (करकुमा लोंगा) को आयुर्वेद में एक शक्तिशाली औषधि के रूप में जाना जाता है। इसका मुख्य सक्रिय तत्व, करक्यूमिन, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर है। यह कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि को रोकने और उन्हें नष्ट करने में मदद कर सकता है। हल्दी के नियमित सेवन से शरीर में सूजन कम हो जाती है, जो कैंसर के विकास का एक प्रमुख कारक है।

पिप्पली
के इस्तेमाल से आप पाचन तंत्र, श्वसन और प्रजनन प्रणाली को बेहतर बना सकते हैं। यह दर्द को कम करता है, बलगम को हटाता है और संक्रमण से बचाता है। अस्थमा, खांसी, साइटिका, सर्दी आदि रोगों में पिपिली का सेवन किया जा सकता है। इससे इम्यून सिस्टम मजबूत होता है और आप कैंसर जैसी घातक बीमारी से बचे रहते हैं।

अश्वगंधा
अश्वगंधा (विथानिया सोम्नीफेरा) एक अद्भुत आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है जो शरीर को तनाव से लड़ने में मदद करती है। यह एक एडाप्टोजेन है, जो तनाव को कम करने और शरीर का संतुलन बनाए रखने में मदद करता है। अश्वगंधा में कैंसर रोधी गुण होते हैं, जो शरीर में कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोक सकते हैं।

तुलसी
तुलसी (ओसिमम सैंक्टम) को आयुर्वेद में ‘जड़ी-बूटियों का राजा’ कहा जाता है। यह एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी और इम्यूनोमॉड्यूलेटरी गुणों से भरपूर है। तुलसी में मौजूद तत्व कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोकने में मदद करते हैं और उन्हें नष्ट करने की क्षमता भी रखते हैं। तुलसी का सेवन करने से शरीर से विषाक्त पदार्थ बाहर निकल जाते हैं और कैंसर का खतरा कम हो जाता है।

गुडूची
गुडूची, जिसे गिलोय भी कहा जाता है, आयुर्वेद में एक महत्वपूर्ण जड़ी बूटी है। यह शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है और शरीर को विषाक्त पदार्थों से छुटकारा दिलाता है। गुडुची (टीनोस्पोरा कॉर्डिफोलिया) में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो शरीर को कैंसर से बचाने में मदद करते हैं। यह जड़ी बूटी शरीर की कोशिकाओं को स्वस्थ रखती है और कैंसर कोशिकाओं से लड़ने में मदद करती है।

इसके अलावा आंवला, नीम और शतावरी का सेवन करके भी आप कैंसर या अन्य गंभीर बीमारियों से खुद को बचा सकते हैं। इन जड़ी-बूटियों का सेवन करने से पहले आपको किसी आयुर्वेदिक डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। डॉक्टर आपके शरीर की स्थिति के अनुसार आपको सुझाव देंगे।