गर्मी का मौसम आ गया है और इस मौसम में होने वाली बीमारियों से बचने के लिए पहले से तैयारी करना जरूरी है। आयुर्वेद के अनुसार गर्मी के मौसम को पित्त दोष का कारण माना जाता है। अत्यधिक गर्मी न केवल निर्जलीकरण का कारण बनती है बल्कि त्वचा के लिए भी समस्याएँ पैदा करती है। ऐसे में मौसम के अनुसार ही भोजन करना चाहिए।
आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. मनदीप सिंह बसु का कहना है कि गर्मी के मौसम में मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है। ऐसे में पाचन क्रिया भी प्रभावित होती है। इसलिए गर्मी के दिनों में ज्यादा तला-भुना या मसालेदार खाना खाने से बचना चाहिए। गर्मियों में लू से बचने के लिए आयुर्वेदिक चीजें भी फायदेमंद हो सकती हैं। आइए हम आपको आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों के बारे में बताते हैं जो आपको लू से बचाती हैं। इससे आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी और पाचन भी दुरुस्त रहेगा।
ब्राह्मी
डॉ. मनदीप सिंह बसु का कहना है कि ब्राह्मी भारत की प्राचीन और पारंपरिक जड़ी-बूटियों में से एक है। ब्राह्मी का प्रयोग दिमाग को तेज करने के लिए किया जाता है। यह दिमाग को शांत रखने के साथ-साथ तनाव को दूर करने में भी मदद करता है। वजन से बचने के लिए ब्राह्मी बहुत फायदेमंद हो सकती है।
तुलसी
तुलसी को सबसे पवित्र जड़ी-बूटियों में शामिल किया गया है। यह शरीर को डिटॉक्स करने के साथ-साथ क्लींजिंग एजेंट भी है। आयुर्वेद विशेषज्ञों का कहना है कि तुलसी शरीर को गर्मी से बचाने में बहुत फायदेमंद है। तुलसी तनाव दूर करने के साथ-साथ शरीर को गर्मी से होने वाली समस्याओं से भी बचाती है।
Manjishtha
मंजिष्ठा शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने का काम करती है। इस जड़ी बूटी का स्वाद कड़वा होता है लेकिन इसके सेवन से होने वाले फायदों की लिस्ट बहुत लंबी है। इसमें शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-माइक्रोबियल जैसे तत्व पाए जाते हैं। मंजिष्ठा को आयुर्वेद की सबसे महत्वपूर्ण जड़ी-बूटियों में से एक के रूप में भी जाना जाता है।
Ashwagandha
अश्वगंधा शरीर में ऊर्जा और सहनशक्ति को बढ़ाने का काम करता है। यह ब्लड शुगर को नियंत्रित करने के साथ-साथ तनाव के लिए जिम्मेदार हार्मोन कोर्टिसोल के स्तर को भी नियंत्रित करता है। इसके अलावा यह गर्मी के मौसम में लू से भी बचाता है। इसका प्रयोग कई बीमारियों के इलाज में किया जाता है।