2050 तक भारत में नहीं बचेगा एक भी युवा, जानें नीति आयोग ने ऐसा क्यों कहा

नीति आयोग ने दुनिया के सबसे युवा देशों में से एक भारत के लिए एक चिंताजनक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट के मुताबिक 2050 तक भारत बूढ़ों का देश बन जाएगा।

नीति आयोग की इस रिपोर्ट के अनुसार, अब से 2050 के बीच भारत की 65 वर्ष और उससे अधिक आयु की आबादी में 144 मिलियन लोगों की वृद्धि होगी।

नीति आयोग ने ‘भारत में वरिष्ठ देखभाल सुधार’ शीर्षक वाली रिपोर्ट में कई दिलचस्प बातों का जिक्र किया है। रिपोर्ट का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि भारत की वृद्ध होती आबादी की जरूरतों को पूरा करने के लिए बुनियादी सहायता प्रणालियां स्थापित की जाएं। जिसके 2050 तक 10 प्रतिशत से बढ़कर 19.5 प्रतिशत होने की उम्मीद है। इस आकार की उम्रदराज़ आबादी की ज़रूरतें चुनौतीपूर्ण हैं।

एक अत्यधिक उम्रदराज़ देश का मतलब है तेजी से घटती युवा आबादी। जिसके अंतर्गत 20 प्रतिशत से अधिक लोग 65 वर्ष से अधिक आयु के हैं। अमेरिका की जेरोन्टोलॉजिकल सोसायटी की रिपोर्ट पर नजर डालें तो दुनिया में कई ऐसे देश हैं जो काफी बूढ़े हो चुके हैं। अब भारत 26 साल में उसी स्थिति में पहुंच सकता है.

जापान में सबसे पहले नंबर पर आता है जापान
. अगले 16 साल में यानी 2040 तक जापान की बुजुर्ग आबादी बढ़कर 34.8 फीसदी हो जाएगी. इसका मुख्य कारण जन्म दर में तेजी से गिरावट है।

जर्मनी
जर्मनी जापान के बाद दूसरे स्थान पर है। 2019 के जनसंख्या आंकड़ों के मुताबिक, देश की 21.8 फीसदी आबादी 65 साल या उससे अधिक उम्र की है। यहां भी युवाओं की संख्या तेजी से घट रही है. अनुमान है कि 2050 तक युवाओं की संख्या 22.6 प्रतिशत कम हो जायेगी.

तीसरे नंबर पर चीन है. यहां एक बच्चे की नीति का असर आबादी पर साफ नजर आ रहा है. यदि प्रजनन दर यानी बच्चे के जन्म पर ध्यान नहीं दिया गया तो चीन में जल्द ही उम्रदराज़ आबादी होगी और युवा विलुप्त हो जाएंगे।

चौथे नंबर पर सिंगापुर सिंगापुर है। वर्ष 2026 तक युवा आबादी तेजी से घट रही है। ऐसे में साफ है कि सिंगापुर अति वुद्ध की श्रेणी में आ जाएगा.

भारत की वर्तमान जनसंख्या 142 करोड़ से अधिक है। जिनमें से 10 करोड़ 40 लाख बुजुर्ग लोग हैं. लेकिन 2050 तक यह संख्या बढ़कर कुल आबादी का 19.5 फीसदी हो जाएगी. यानी बुजुर्गों की संख्या बढ़कर 30 करोड़ 19 लाख हो जाएगी.