महाराष्ट्र सरकार गठन: महाराष्ट्र के चुनाव नतीजों के बाद सरकार बनाने की तैयारी चल रही है। बीजेपी के 132 सीटें जीतने के बाद मुख्यमंत्री पद की रेस में पूर्व सीएम देवेंद्र फड़णवीस का नाम सबसे आगे चल रहा है. इन सबके बीच महाराष्ट्र की राजनीतिक गतिविधियों में एक नया मोड़ तब आया जब कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे अपने पैतृक गांव गए.
शिंदे के गृहनगर दौरे से राजनीति में हलचल मच गई है
शिंदे के गांव दौरे की खबर से महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मच गई है, क्योंकि यह समय सरकार बनाने के लिए काफी अहम माना जा रहा है. शिंदे के गृहनगर दौरे के बाद अटकलें लगाई जा रही थीं कि वह महाराष्ट्र में सरकार बनाने के फैसले से खुश नहीं हैं.
हालांकि, उनकी पार्टी के नेता उदय सामंते का कहना है कि एकनाथ शिंदे नाराज नहीं हैं. लेकिन बुखार और सर्दी से पीड़ित होने के कारण वह अपने पैतृक गांव चले गये. गुरुवार रात जब उन्होंने दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री से मुलाकात की, तब भी उनकी तबीयत खराब थी.
अगले 24 घंटे में लेंगे बड़ा फैसला
शिवसेना नेता संजय शिरसाट ने कहा कि एकनाथ शिंदे अगले 24 घंटे में बड़ा फैसला लेंगे. हालांकि, उन्होंने दावा किया कि शिवसेना प्रमुख केंद्रीय मंत्रिमंडल में कोई पद नहीं लेंगे क्योंकि उनकी रुचि महाराष्ट्र की राजनीति में है।
पार्टी की एक अहम बैठक रद्द कर दी गई
एकनाथ शिंदे के गृहनगर दौरे के कारण शुक्रवार को महायुति से संबद्ध भारतीय जनता पार्टी, शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की एक महत्वपूर्ण बैठक रद्द कर दी गई। इसके चलते महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव नतीजे आने के एक हफ्ते बाद भी सरकार गठन में देरी हो रही है. अगर एकनाथ शिंदे की सेहत में सुधार नहीं हुआ तो वीडियो कॉन्फ्रेंस की मदद से भी बैठक हो सकती है.
कब होगा शपथ ग्रहण?
शिवसेना नेता संजय शिरसाट ने कहा, ‘कल महाराष्ट्र के नेताओं ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर मुलाकात की. पीएम मोदी और अमित शाह तय करेंगे कि महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा. आज आधी रात तक महाराष्ट्र के सीएम के नाम का ऐलान हो जाएगा. मैं समझता हूं कि शपथ ग्रहण समारोह 2 दिसंबर को होगा.’
शिवसेना नेता ने आगे कहा, ‘जब भी एकनाथ शिंदे को लगता है कि उन्हें सोचने के लिए कुछ समय चाहिए, तो वह अपने गृहनगर चले जाते हैं।’
महाविकास अघाड़ी पर हमला
संजय शिरसाट ने कहा, ‘बीजेपी ने सूचित किया है कि वह अगले दो दिनों में अपने विधायक दल के नेता पर फैसला करेगी और औपचारिकताओं के बाद नई सरकार का गठन किया जाएगा. शिरसाट ने महा विकास अघाड़ी पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्ष को सरकार बनाने पर पार्टियों के महागठबंधन पर सवाल उठाने के बजाय चुनाव में अपने प्रदर्शन पर विचार करना चाहिए.