हृदय रोग का खतरा बढ़ाने वाला हाई कोलेस्ट्रॉल अब तक चुपचाप काम करता रहा है, लेकिन अब इसकी पोल खुल गई है। जी हां, पहली बार भारत को लिपिड नियंत्रण के लिए दिशा-निर्देश मिले हैं।
कोलेस्ट्रॉल एक साइलेंट किलर है जो आपके दिल की सेहत पर गहरा असर डाल सकता है। अब तक हाई कोलेस्ट्रॉल से पीड़ित भारतीयों के पास इसे नियंत्रित करने के लिए कोई खास दिशा-निर्देश नहीं थे। लेकिन अब इंतज़ार खत्म हो गया है। पहली बार भारत को हाई कोलेस्ट्रॉल से लड़ने के लिए एक अहम हथियार मिला है- ‘लिपिड मैनेजमेंट के लिए नई गाइडलाइन्स’। ये दिशा-निर्देश न केवल भारतीयों के खान-पान और जीवनशैली को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं, बल्कि इनसे डॉक्टरों को मरीजों का बेहतर इलाज करने में भी मदद मिलेगी।
अब तक भारतीय हृदय रोग विशेषज्ञ यूरोपियन सोसायटी ऑफ कार्डियोलॉजी की 2019 की गाइडलाइन का पालन कर रहे थे, लेकिन अब पहली बार भारत में हाई कोलेस्ट्रॉल या डिस्लिपिडेमिया के नियंत्रण के लिए भारतीय गाइडलाइन तैयार की गई है। कार्डियोलॉजिकल सोसायटी ऑफ इंडिया (सीएसआई) की 22 सदस्यीय समिति ने 4 जुलाई को ये गाइडलाइन जारी की।
अपना लिपिड प्रोफाइल कैसे जानें?
कुल कोलेस्ट्रॉल (लिपिड प्रोफाइल) को रक्त परीक्षण के माध्यम से मापा जाता है। एक स्वास्थ्य कार्यकर्ता आमतौर पर आपकी बांह की नस से रक्त का एक छोटा सा नमूना लेता है। फिर इस नमूने का विश्लेषण कुल कोलेस्ट्रॉल स्तर निर्धारित करने के लिए एक प्रयोगशाला में किया जाता है, जिसमें कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन (एलडीएल), उच्च घनत्व वाले लिपोप्रोटीन (एचडीएल) और ट्राइग्लिसराइड्स का एक हिस्सा शामिल होता है। नए दिशानिर्देशों के अनुसार, न्यूनतम कोलेस्ट्रॉल का स्तर 100 mg/dL (मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर) से कम होना चाहिए।
भारत में उच्च कोलेस्ट्रॉल का बोझ
देश भर में कोलेस्ट्रॉल का उच्च स्तर काफी आम है, लेकिन यह समस्या शहरी क्षेत्रों में खास तौर पर व्याप्त है। भारत में हृदय रोग की उच्च दर और दुनिया में हृदय रोग के कारण होने वाली सबसे अधिक समयपूर्व मृत्यु दर को देखते हुए डॉक्टरों ने ये लिपिड दिशानिर्देश जारी किए हैं। सीएसआई अध्ययन के अनुसार, राजस्थान, गुजरात, तेलंगाना और मणिपुर को छोड़कर भारत के लगभग सभी राज्यों में रहने वाले लोगों में एचडीएल-कोलेस्ट्रॉल (अच्छा कोलेस्ट्रॉल) का स्तर कम पाया गया। जबकि उच्च एलडीएल-कोलेस्ट्रॉल (खराब कोलेस्ट्रॉल) का स्तर उत्तरी क्षेत्र, केरल और गोवा में सबसे अधिक पाया गया।
भारत में कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण हेतु दिशानिर्देश
नए दिशा-निर्देश जोखिम आकलन और उपचार के लिए पारंपरिक खाली पेट माप के बजाय भोजन के बाद लिपिड माप की सलाह देते हैं। डॉक्टरों का कहना है कि वसा के सेवन की तुलना में चीनी और कार्बोहाइड्रेट से भरपूर आहार रुकावटों का एक प्रमुख कारण है।