Job Crisis in India: भारत में बेरोजगारी दर लगातार बढ़ती जा रही है. इसी साल मार्च में अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन की रिपोर्ट में कहा गया था कि भारत में बेरोजगारों में 80 फीसदी युवा हैं. हाल ही में लोकसभा चुनाव में रोजगार सबसे बड़ा मुद्दा था. ऐसी खबरों के बावजूद केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि देश में नौकरियों की कोई कमी नहीं है, लोगों की भर्तियां हो चुकी हैं.
19 लाख नये रोजगार के अवसर
मनसुख मंडाविया ने लोकसभा में कहा कि देश में नौकरियों की कोई कमी नहीं है, उन्होंने दावा किया कि नेशनल करियर सर्विस पोर्टल पर 19 लाख से अधिक नौकरियों के अवसर उपलब्ध हैं। टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने रोजगार सृजन के लिए कई योजनाओं की घोषणा की है और अब बेरोजगारी दर घटकर 3.2 प्रतिशत हो गई है. और भविष्य में इसमें 3 फीसदी से ज्यादा की कमी आने की उम्मीद है.
बेरोजगारी दर 3.2 फीसदी
किसी भी देश की अर्थव्यवस्था जब सात से आठ प्रतिशत की दर से बढ़ती है तो उसके पीछे उसके बुनियादी ढांचे का विकास, सेवा क्षेत्र में वृद्धि, उत्पादन क्षमता में वृद्धि होती है। ये सब बढ़ रहा है तो रोजगार के अवसर भी बढ़ रहे हैं. कोइ चिंता नहीं। नियोक्ताओं ने नेशनल करियर सर्विस पोर्टल पर 19 लाख नौकरियों की रिक्तियां पोस्ट की हैं। जिसमें लोग आवेदन कर सकते हैं।
भारत में वर्तमान बेरोजगारी दर
बेरोजगारी एक गंभीर मुद्दा है, जो भारत के आर्थिक दृष्टिकोण को चुनौती देता है। विविध कार्यबल वाले दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देशों में से एक, भारत में बेरोजगारी दर में उतार-चढ़ाव देश की वृद्धि और विकास को प्रभावित करता है। भारत में मौजूदा बेरोजगारी दर के सवाल के जवाब में श्रम मंत्री ने जवाब दिया कि आपके परिवार में किसी को नौकरी की जरूरत है, अगर वह योग्य है तो उसे नौकरी मिलेगी. देश में नौकरियों की कोई कमी नहीं है. पहले बेरोजगारी दर 6 फीसदी थी. आज यह घटकर 3.2 फीसदी हो गया है. जिसमें भविष्य में 3 प्रतिशत से अधिक की कमी आएगी।