कोटि हृदय है भाव एक है, इसी भूमि पर जन्म लिये

उदयपुर, 09 अप्रैल (हि. स.)। ‘कोटि हृदय है भाव एक है, इसी भूमि पर जन्म लिए, मातृभूमि यह, पितृभूमि यह, पुण्यभूमि हित मरे जियें’

इन पंक्तियों में छिपी भावनाओं को उद्धृत करते हुए संत समाज ने भारतीय नववर्ष पर सामाजिक समरसता का आह्वान किया। भारतीय नववर्ष समाजोत्सव समिति उदयपुर व नगर निगम उदयपुर के संयुक्त तत्वावधान में चैत्र शुक्ल प्रतिपदा पर मंगलवार को महाराणा भूपाल स्टेडियम में आयोजित धर्मसभा में वक्ताओं ने कहा कि मेवाड़ ही नहीं, देश के विभिन्न हिस्सों में देशविरोधी ताकतें हिन्दू समाज को तोड़ने का कुत्सित प्रयास कर रही हैं। जनजाति बंधुओं को भी भ्रमित किया जा रहा है। उन ताकतों को समाज अपनी एकजुटता से ही समझा सकता है कि भारतवर्ष की धरा पर जन्म लेने वाले सभी एक हैं, उनके हृदय करोड़ों हैं, लेकिन उन करोड़ों हृदयों में भारत माता धड़कती है।

धर्मसभा के मुख्य वक्ता स्वामी ईश्वरानंद (उत्तम स्वामी) महाराज ने संस्कृति के रक्षण के लिए समाज का आह्वान करते हुए कहा कि कोई हमारी संस्कृति पर अनर्गल प्रलाप और प्रहार करे तो उसका प्रतिकार अवश्य करें। समाज की सुप्त अवस्था के कारण ही आज हिन्दू समाज की यह स्थिति है। आज भी श्रीनगर के शरणार्थी जम्मू में पीड़ा भोग रहे हैं। उन्होंने उदयपुर में हुए कन्हैया हत्याकाण्ड का जिक्र करते हुए समाज को संगठित करने की आवश्यकता जताई। उन्होंने भाईचारे की बात करने वालों से कहा कि भाईचारा दिखाना ही है तो हिन्दू समाज के प्रमुख मंदिरों को हिन्दू समाज को सौंपने तथा लव जिहाद की घटनाओं को रोकने के लिए स्वयं पहल करें।

कार्यक्रम में रीवा से पधारीं साध्वी सरस्वती ने ‘हिन्दव:सोदरा सर्वे न हिन्दू पतितो भवेत’ श्लोक दोहराते हुए कहा कि सभी हिन्दू आपस में बंधु हैं। राष्ट्रविराधी ताकतें हिन्दू समाज को जातियों में बांटकर कमजोर करना चाहती हैं। उन्होंने आह्वान किया कि हमारी संस्कृति, हमारा धर्म महान है और हम छोटी बातों में आकर अपने ही समाज को कमजोर न करें। उन्होंने बेटियों को बहादुर बनाने का आह्वान करते हुए कहा कि हम हाड़ी रानी के वंशज हैं, अपनी बेटियों को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दें, उन्हें मुखर होना सिखाएं, फिर देखते हैं कि कौन हमारी बेटियों की ओर आंख उठाकर देखता है। उन्होंने कहा कि डेढ़ लाख का मोबाइल हाथ में रखने से समाज सशक्त नहीं होगा, मोबाइल का उपयोग भी सामाजिक समरसता, समाज के सशक्तीकरण में कैसे हो सकता है, इस पर विचार करना होगा।

इससे पूर्व, धर्मसभा में मंच पर आसीन संत समाज का स्वागत-अभिनंदन किया गया। समिति के संयोजक रविकांत त्रिपाठी ने स्वागत उद्बोधन दिया तो अध्यक्ष प्रो बीपी शर्मा ने आभार ज्ञापित किया। कार्यक्रम के दौरान हैलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की गई।

रामनवमी पर जगदीश मंदिर की परिक्रमा

– भारतीय नववर्ष समाजोत्सव समिति ने रामनवमी पर सुबह 8 बजे जगदीश मंदिर की परिक्रमा की घोषणा की है। समिति ने आने वाले समय में नववर्ष के साथ अपने आयोजनों में रामनवमी का भी यह आयोजन शामिल करने का निर्णय किया है।

नारायण सेवा की झांकी रही प्रथम

-शोभायात्रा में शामिल झांकियों में नारायण सेवा संस्थान की झांकी प्रथम रही। दूसरे स्थान पर आयड़ बस्ती की झांकी तो तीसरे स्थान पर सेंट्रल एकेडमी स्कूल की झांकी रही।