गोपालगंज, 21 अगस्त (हि.स.)। जिला बाल संरक्षण इकाई के तत्वावधान में चल रहे विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान में पल रहे एक बालक को राजस्थान की दंपत्ति ने बुधवार को विधिवत गोद लिया है। बच्चे को गोद लेने के लिए इन्होंने डीएम के न्यायालय आवेदन किया था । सारी कानूनी प्रक्रिया को पूरा करने के बाद बच्चे को आज गोद दिया गया है । जिला पदाधिकारी मो मकसूद आलम ने आज समाहरणालय कार्यालय कक्ष में दत्तक ग्रहण वाद की अंतिम रूप से सुनवाई कर दत्तक ग्रहण आदेश पारित कर दिया गया।डीएम नें दतकग्रहण वाद मे अंतिम रूप से सुनवाई करते हुए सभी आवश्यक कागजातों के साथ-साथ बच्चे के स्वास्थ्य परीक्षण रिपोर्ट आदि जांच करने के बाद दत्तक ग्रहण आदेश पारित किया गया और बच्चे को उन्होंने दम्पति को सौंपा गया।
राजस्थान के भावी दत्तक माता-पिता,दत्तक बच्चा के साथ-साथ, जिला बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक प्रशांत मिश्रा, सहायक निदेशक, जिला बाल संरक्षण इकाई दिलीप कुमार, लेखापाल कुमारी अन्नू, सामाजिक कार्यकर्त्ता रामाकांत गुप्ता परामर्शी एवं विजय कुमार समन्वयक, विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान आदि उपस्थित थे। डीएम ने बच्चे के माता-पिता को सभी प्रक्रिया को पूर्ण करते हुए बच्चे को सौंपा और बच्चे के परवरिश के बारे में उन्हें विस्तार से बताया।
विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान पिछले तीन वर्षों में आधा दर्जन बच्चे को दत्तक माता-पिता को गोद दिया जा चुका है।देश में बच्चों को गोद लेने को बढ़ावा देने के लिए दत्तक ग्रहण विनियम- 2022 में एक नया प्रावधान अनिवार्य किया गया है। इसके तहत उन बच्चों को जो अपने निश्चित संप्रेषण (रेफरल) चक्र के भीतर परिवारों को नहीं ढूंढ पाए हैं, अब उनकी वरिष्ठता के बावजूद उन्हें आर आई, एनआरआई, ओसीआई और पीएपी गोद ले सकते हैं, जिसके तहत डीएम ने बच्चे को राजस्थान के दंपती को सौंपा। पति पत्नी ने बच्चे को लेकर काफी खुश थे।
उन्होंने कहा की भगवान स्वरूप बच्चे को पाकर हमारा परिवार धन्य हो गया।जिला पदाधिकारी ने जिले के लोगों से अपील की गई कि यदि कोई अनाथ या परित्यक्त बच्चा,बच्ची मिलता है तो उसे समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित जिला बाल संरक्षण इकाई के विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान, हजियापुर में सौपें तथा यदि किसी निसंतान दंपति को बच्चा गोद लेना हो तो केयर वेबसाइट के द्वारा आॅनलाइन आवेदन दे सकते है।