भारतीय रेलवे ने सोमवार को विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है. शुक्रवार को कांग्रेस में शामिल होने से पहले दोनों पहलवानों ने रेलवे की नौकरी से इस्तीफा दे दिया था. विनेश भारतीय रेलवे में ओएसडी स्पोर्ट्स के पद पर कार्यरत थीं, जबकि बजरंग भी इसी पद पर थे. कांग्रेस में शामिल होने के तुरंत बाद, पार्टी ने विनेश को हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए जुलाना से टिकट दिया और बजरंग पुनिया को अपनी किसान शाखा में शामिल किया।
विनेश फोगाट का इस्तीफा मंजूर होने के बाद उन्हें बड़ी राहत मिली है. अब उनके चुनाव लड़ने का रास्ता पूरी तरह से साफ हो गया है. अगर उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया जाता तो विनेश फोगाट के चुनावी दौड़ में उतरने पर संकट खड़ा हो सकता था. कानून कहता है कि अगर कोई व्यक्ति सरकारी पद पर है और चुनाव लड़ना चाहता है तो सबसे पहले उसे इस्तीफा देना होगा और विभाग से एनओसी लेनी होगी. रिटर्निंग ऑफिसर आवेदन तभी स्वीकार करेंगे जब नामांकन के समय दस्तावेज में एनओसी लगानी होगी. हरियाणा में 5 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव होने हैं, जिसके लिए नामांकन का दौर जारी है. इसकी आखिरी तारीख 12 सितंबर है, जिसके ठीक पहले विनेश फोगाट के लिए ये राहत भरी खबर है.
बता दें कि विनेश फोगाट को कांग्रेस ने उनकी ससुराल जुलाना से टिकट दिया है. जुलाना सीट पर कांग्रेस लंबे समय से जीत का इंतजार कर रही है. पिछली बार 2005 में कांग्रेस ने यह सीट जीती थी. पार्टी की गिरती साख को सुधारने के लिए पार्टी ने विनेश फोगाट को अपना उम्मीदवार बनाकर बड़ा दांव खेला है. विनेश का मुकाबला जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के मौजूदा विधायक अमरजीत ढांडा से होगा. 2019 के विधानसभा चुनाव में जेजेपी ने जीत हासिल की थी. अमरजीत ढांडा ने बीजेपी के परमिंदर सिंह ढुल को 24193 हजार वोटों से हराया.