सुप्रीम कोर्ट ने साइकिल ट्रैक बनाने की याचिका पर उठाया सवाल, गरीबों की सुविधाओं पर ध्यान देने की जरूरत

Supreme Court Of India Ht File

सुप्रीम कोर्ट (SC) ने बुधवार को पूछा कि क्या सरकारी खजाने से प्राप्त धन का उपयोग गरीबों के लिए आवास, स्वास्थ्य और शैक्षणिक सुविधाएं बनाने के लिए किया जाना चाहिए, या देश में साइकिल ट्रैक बिछाने के लिए। न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने साइकिल ट्रैक बनाने संबंधी याचिका की सुनवाई करते हुए कहा कि देश में विकास का स्तर समान नहीं है।

पीठ ने याचिकाकर्ता के वकील से पूछा, “क्या सरकारी खजाने से मिले धन का उपयोग गरीबों के लिए आवासीय और शैक्षणिक सुविधाएं बनाने के लिए किया जाना चाहिए या इसके लिए (साइकिल ट्रैक बनाने के लिए)?” न्यायालय ने यह भी कहा कि “सभी प्रमुख शहरों में गरीबों के लिए आवास सुविधाओं की गंभीर समस्या है। लोग झुग्गी-झोपड़ियों में रह रहे हैं। स्वास्थ्य और शैक्षणिक सुविधाओं का अभाव है। क्या ये सभी प्राथमिक सुविधाएं प्रदान की जानी चाहिए या ये साइकिल ट्रैक?”

अदालत ने याचिकाकर्ता के अनुरोध का संदर्भ दिया और आश्चर्य जताया कि क्या ऐसी राहत दी जा सकती है। पीठ ने कहा, “आप चाहते हैं कि पूरे भारत में अलग-अलग साइकिल ट्रैक बनाए जाएं। यह बहुत महत्वाकांक्षी है।” याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि कई राज्यों में साइकिल ट्रैक हैं और शीर्ष अदालत के एक गेट के बाहर भी ऐसा ट्रैक है, लेकिन मोड़ पर यह उपलब्ध नहीं है।

वकील ने अटल मिशन फॉर रिजुवेनेशन एंड अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन (अमृत) योजना का हवाला देते हुए कहा कि यह योजना चुनिंदा शहरों और कस्बों में बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान केंद्रित करती है। पीठ ने कहा, “हम इस तरह का आदेश (अलग साइकिल ट्रैक बनाने के लिए) कैसे जारी कर सकते हैं, यह याचिकाकर्ता का दिवास्वप्न है।”

दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के मुद्दे का हवाला देते हुए वकील ने कहा कि साइकिल ट्रैक होने से समस्या को कम करने में मदद मिल सकती है। पीठ ने इस मामले में आगे की सुनवाई के लिए 10 फरवरी की तारीख निर्धारित की है।