एकनाथ शिंदे और बीजेपी समाचार : बुधवार को जब बीजेपी एमएलसी राम शिंदे ने विधान परिषद अध्यक्ष पद के लिए अपनी उम्मीदवारी दाखिल की, तो उनके साथ केवल मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस और उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ही दिखे, लेकिन उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे उनके साथ नजर नहीं आए.
क्यों नाराज हुए एकनाथ शिंदे?
इसके बाद से महाराष्ट्र के राजनीतिक गलियारों में ऐसी चर्चा ने जोर पकड़ लिया है, एकनाथ शिंदे फिर से नाराज हो गए हैं. राम शिंदे की उम्मीदवारी को शिवसेना के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. क्योंकि विधान परिषद के सभापति पद के लिए शिवसेना भी अपना दावा कर रही थी. इस चुनाव में शिवसेना उपाध्यक्ष नीलम गोरे को भी संभावित उम्मीदवार माना जा रहा था.
राम शिंदे निर्विरोध जीतेंगे…
राम शिंदे ने कहा, कांग्रेस ने भी कहा है कि उनकी तरफ से कोई उम्मीदवारी नहीं होगी. ऐसे में यह चुनाव निर्विरोध होगा. यह एक अच्छा संदेश है. मैं मुख्यमंत्री फड़नवीस और उपमुख्यमंत्रियों को धन्यवाद देता हूं।’ इस मामले पर बीजेपी और शिवसेना के वरिष्ठ नेताओं के बीच चर्चा हो सकती है.
अब दोनों प्रमुख पार्टियों में बीजेपी है…
गौरतलब है कि शिवसेना और एनसीपी के अलग होने के कारण 2022 और 2023 में विधान परिषद के सभापति पद के लिए चुनाव नहीं हो सके. परिषद में भाजपा के पास बहुमत है, लेकिन शिवसेना यह पद पाने की इच्छुक थी। विधानसभा में स्पीकर का पद भी बीजेपी के पास है. अब दोनों सदनों में स्पीकर की कुर्सी बीजेपी के पास होगी.