जयपुर, 30 मई (हि.स.)। राजस्थान में अधिकारियों की रात्रि चौपालों का दौर एक बार फिर से शुरू हो गया है। सभी जिलों में संभागीय आयुक्त और जिला कलक्टर जैसे आला अधिकारियों द्वारा रात्रि चौपालें करते हुए दूरस्थ स्थान पर बैठे व्यक्ति की समस्याएं सुनी जा रही हैं। दरअसल कोरोना संक्रमण काल से ही यह चौपालें बंद थी और आमजन को अपनी बात रखने के लिए अपने गांव से दूर जिला मुख्यालय पर आना पड़ता था। दूर तक आने-जाने में आम आदमी को होने वाली समस्या को समझते हुए मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने सभी अधिकारियों को दूरस्थ गांवों में जाकर रात्रि चौपालें करवाने के लिए कहा। इन अधिकारियों को गांवों में रात्रि विश्राम का लक्ष्य भी दिया गया है।
चौपालों से प्रशासन और आमजन के बीच का अंतर एक बार फिर मिट गया है। अब संभागीय आयुक्त, जिला कलक्टर, अतिरिक्त संभागीय आयुक्त, अतिरिक्त कलक्टर और उपखण्ड अधिकारी जनता के बीच पहुंचकर उनकी सुनवाई कर रहे हैं। अधिकारियों द्वारा रात्रि चौपालें करने पर उनके सामने आमजन की समस्याओं के साथ स्थान विशेष की समस्याएं भी आती हैं। इस द्विपक्षीय संवाद के बाद ग्रामीणों की समस्याओं के समाधान के विकल्प खुलते हैं।
शुक्रवार को मुख्यमंत्री खुद करेंगे समीक्षा
मुख्यमंत्री ने हीट वेव प्रबंधन, पानी, बिजली और स्वास्थ्य जैसी सेवाओं का फीडबैक लेने के लिए 28 और 29 मई को सभी प्रभारी सचिवों को जिलों में भेजा। इन दौरों की रिपोर्ट सरकार को मिल चुकी है और शुक्रवार को खुद मुख्यमंत्री द्वारा इसका रिव्यू किया जाएगा। आमजन को परेशानी नहीं हो और उन्हें निर्बाध सेवाएं मिलें, इसके मद्देनजर मुख्यमंत्री ने निर्वाचन आयोग से आचार संहिता के बावजूद समीक्षा की विशेष अनुमति ली है। इस पूरी कवायद के पीछे मुख्यमंत्री का उद्देश्य प्रत्येक व्यक्ति की समयबद्ध सुनवाई और उन्हें पानी-बिजली एवं दवा जैसी आधारभूत सुविधाएं समय पर पर उपलब्ध करवाना है।