मई-जून की गर्मी में बढ़ जाता है इन बीमारियों का खतरा, बचने के लिए बरतें ये सावधानियां

कोई भी जलवायु जब अपने चरम पर होती है तो बीमारी का कारण बनती है। भीषण गर्मी ने भी लोगों को परेशान कर रखा है. सूरज की रोशनी के संपर्क में आने से हीटस्ट्रोक हो सकता है और त्वचा की स्थिति खराब हो सकती है। गर्मियों में ऐसी कई बीमारियाँ और स्वास्थ्य समस्याएँ उत्पन्न होती हैं।

खासकर मई और जून की चिलचिलाती गर्मी में पेट से जुड़ी परेशानियां परेशान करने लगती हैं। अगर ध्यान न दिया जाए तो ये समस्याएं और भी गंभीर हो जाती हैं। सूरज के अधिक संपर्क में रहने से न केवल आपके स्वास्थ्य पर असर पड़ता है, बल्कि बाल, त्वचा और आंखों से जुड़ी समस्याएं भी होने लगती हैं। गर्मियों में त्वचा में जलन, सिरदर्द, डायरिया आदि आम बीमारियां हैं लेकिन कई गंभीर बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है।

ग्रीष्म ऋतु में होने वाले रोग:- 

डिहाइड्रेशन – अत्यधिक गर्मी के दौरान शरीर में डिहाइड्रेशन हो जाता है। गर्म मौसम में पसीना और तेज़ धूप के कारण बहुत प्यास लगती है। इस मौसम में गर्मी के कारण शरीर में पानी की कमी भी होने लगती है। जिसके कारण चक्कर आना, कमजोरी और कभी-कभी बेहोशी की समस्या हो जाती है। इससे बचने के लिए जरूरी है कि पूरे दिन पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं।

चिकनपॉक्स- गर्मी के मौसम में चिकनपॉक्स एक खतरनाक बीमारी है. इस बीमारी में शरीर पर कई जगहों पर चकत्ते पड़ जाते हैं। उनमें बहुत खुजली होती है. चिकनपॉक्स एक संक्रामक रोग है। इसलिए इससे बचने के लिए साफ-सफाई और खान-पान का खास ख्याल रखें।

टाइफाइड – मई और जून की चरम गर्मी के दौरान टाइफाइड का खतरा भी बढ़ जाता है। इसमें तेज बुखार होता है और कई दिनों तक रहता है। सिरदर्द और कमजोरी होने लगती है। टाइफाइड खराब खान-पान और पानी के कारण भी होता है। इससे बचने के लिए खान-पान का विशेष ध्यान रखें।

 

फूड पॉइजनिंग- गर्मी के दिनों में पेट खराब होना, उल्टी और दस्त सबसे ज्यादा परेशान करने वाली समस्याएं होती हैं. अगर खाना थोड़ा सा भी खराब हो जाए तो फूड पॉइजनिंग का खतरा रहता है। शरीर में हानिकारक बैक्टीरिया के उत्पादन के कारण फूड पॉइजनिंग होती है। इस मौसम में खाने में ज्यादा बैक्टीरिया पनपने लगते हैं जो पेट को खराब करने लगते हैं। इसलिए अपने खान-पान का विशेष ध्यान रखें।

आंखों में संक्रमण- गर्मी के कारण आंखों से संबंधित कई तरह के संक्रमण बढ़ जाते हैं. इस मौसम में तेज धूप, जलन, ठंड और गर्मी के संपर्क में आने से आंखों में कंजंक्टिवाइटिस और एलर्जी की समस्या बढ़ जाती है। गर्मियों में आंखों को होने वाले नुकसान से बचाने के लिए रोजाना अपनी आंखों पर ठंडे पानी के छींटे मारें और उस पानी से अपनी आंखों को धोएं।