टीनएजर्स को समझने का सही तरीका: बच्चों के साथ बेहतर रिश्ते के टिप्स

Parenting 1553415820 17346865869

टीनएज का दौर हर किसी के लिए चुनौतीपूर्ण होता है। अगर आप अपने किशोर बच्चे को समझने में परेशानी महसूस कर रहे हैं, तो याद कीजिए, आप भी कभी इस दौर से गुजरे थे। नई उमंग और ऊर्जा के साथ उलझन, तनाव और चिड़चिड़ाहट का अनुभव आपने भी किया होगा। आज, आपके बच्चे भी उसी दौर से गुजर रहे हैं—लेकिन एक बदली हुई दुनिया में।
यह समय उन्हें कसकर पकड़ने का नहीं, बल्कि ढील देकर समझने का है। आइए जानते हैं कि टीनएज में बच्चों को बेहतर ढंग से कैसे समझा जाए और उनके साथ मजबूत रिश्ता कैसे बनाया जाए।

1. तैयारी है जरूरी

बच्चों को उनकी जीवन की चुनौतियों के लिए पहले से तैयार करना जरूरी है। मनोरोग चिकित्सक डॉ. उन्नति कुमार कहती हैं:

“हर चीज का सही समय होता है, और हमें उस समय की आहट के पहले ही बच्चों को जरूरी जानकारी देनी चाहिए।”
उदाहरण के लिए, अगर आपके बच्चे की उम्र बढ़ रही है, तो उससे जुड़े शारीरिक और मानसिक बदलावों के बारे में खुलकर बात करें। सही समय पर सही जानकारी देने से बच्चे आने वाली चुनौतियों का सामना बेहतर तरीके से कर पाएंगे।

2. भावनाओं को पहचानना सिखाएं

बच्चों को उनकी भावनाओं को समझने और व्यक्त करने में मदद करें। उन्हें बताएं कि नकारात्मक भावनाएं होना स्वाभाविक है और ये उनकी पहचान का हिस्सा हैं।

  • उन्हें सिखाएं कि भावनाएं एक संकेत हैं, जो हमें खुद को और अपने आसपास की दुनिया को समझने में मदद करती हैं।
  • जब वे गुस्से में हों या चिड़चिड़े हों, तो उन्हें बताएं कि यह सामान्य है और इस पर कैसे काबू पाया जा सकता है।
  • फिल्मों या उनके पसंदीदा टीवी शो के किरदारों के उदाहरण देकर उनकी भावनाओं को समझने में मदद करें।

3. सब्र रखें और सही समय का इंतजार करें

बच्चे भावनाओं को जल्दी नहीं समझते, इसलिए उनके साथ धैर्य रखें। बातचीत को गंभीर और उबाऊ बनाने के बजाय हल्के-फुल्के अंदाज में समझाएं।

  • शांत माहौल में बात करें।
  • उनके सवालों का उत्तर उनके स्तर के अनुसार दें।
  • उदाहरण के लिए, यदि बच्चा गुस्से में है, तो पहले उसे शांत करें और फिर बात करें।

4. खुलकर संवाद करें

आपसी संवाद मजबूत रिश्ते की नींव है। अपने बच्चे से नियमित रूप से बात करें और उसकी चिंताओं को समझें।

  • उनकी जिज्ञासाओं का शांतिपूर्वक उत्तर दें।
  • तुलना करने से बचें।
  • उनकी फीलिंग्स का सम्मान करें।

5. समाधान निकाले बच्चे की जरूरत के हिसाब से

हर उम्र की अलग-अलग समस्याएं और जरूरतें होती हैं। टीनएज के दौरान बच्चों की बातों और तर्कों को ध्यान से सुनें और उनके मुताबिक समाधान निकालें।

  • जब आपका बच्चा छोटा था, तो उसकी जिद को नजरअंदाज कर सकते थे।
  • लेकिन टीनएज में तथ्यों के साथ बात करें और उन्हें समझाएं।
  • उनकी बातों को गंभीरता से लें और उन्हें महसूस कराएं कि उनकी राय की अहमियत है।

6. सही शब्दों का चयन करें

बच्चे के सवालों का जवाब देते समय अपने शब्दों और समय का ध्यान रखें।

  • कम से कम शब्दों में स्पष्ट उत्तर दें।
  • अगर समय सही नहीं है (जैसे सुबह की जल्दी), तो बाद में उनके सवाल पर चर्चा करें।
  • हर जवाब को उनकी समझ के अनुरूप बनाएं।

7. त्वरित प्रतिक्रिया न दें

बच्चे के गुस्से या चिड़चिड़ाहट पर तुरंत प्रतिक्रिया न दें।

  • गुस्से में सजा देने या डांटने से बचें।
  • उन्हें शांत करने के बाद उनकी गलती समझाएं।
  • गुस्से में सजा देने से बच्चों में नकारात्मक भावना विकसित हो सकती है।

8. खुद बनें रोल मॉडल

बच्चे वही सीखते हैं जो वे अपने माता-पिता को करते देखते हैं।

  • अपने गुस्से और हताशा को संभालने का सही तरीका दिखाएं।
  • सकारात्मक और स्वस्थ तरीके से अपनी भावनाओं को व्यक्त करें।
  • अगर आप उत्तेजित महसूस कर रहे हों, तो खुद को शांत करने के बाद ही बच्चे को संभालें।