ट्रंप प्रशासन के निशाने पर USAID, विदेश मंत्री मार्को रूबियो को सौंपी गई जिम्मेदारी

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डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद से अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय विकास एजेंसी (USAID) को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। ट्रंप ने अपने पहले भाषण में ही “अमेरिका फर्स्ट” की नीति पर जोर दिया था और विदेशी आर्थिक मदद का विरोध किया था। इस बीच, उद्योगपति एलन मस्क ने USAID को “अपराधी संगठन” करार देते हुए इसे बंद करने की मांग की। हालांकि, ट्रंप प्रशासन ने एजेंसी को खत्म करने के बजाय इसमें बड़े बदलाव की योजना बनाई है।

USAID के पुनर्गठन की तैयारी

अमेरिकी सरकार के नए आदेश के तहत, राष्ट्रपति ट्रंप ने विदेश मंत्री मार्को रूबियो को USAID का कार्यकारी प्रशासक नियुक्त किया है। सरकार ने कहा कि यह एजेंसी अपने मूल मिशन से भटक गई है और इसकी फंडिंग अमेरिका के हित में नहीं है। ऐसे में विदेशी फंडिंग की समीक्षा कर इसे पुनर्गठित किया जाएगा ताकि यह अमेरिकी करदाताओं के पैसे का सही उपयोग सुनिश्चित कर सके।

पहले ही एजेंसी की फंडिंग रोक दी गई थी और कई कर्मचारियों को छुट्टी पर भेज दिया गया था। एलन मस्क ने USAID की भारी फंडिंग पर सवाल उठाते हुए इसे बंद करने की मांग की थी। बताया जाता है कि उनके विभाग डीओआई (Department of the Interior) को USAID की फंडिंग से वंचित किए जाने के बाद उन्होंने इस एजेंसी की कड़ी आलोचना की थी।

USAID का इतिहास और ट्रंप प्रशासन की सख्ती

USAID की स्थापना 1961 में तत्कालीन राष्ट्रपति जॉन एफ. कैनेडी ने की थी। इसका उद्देश्य प्राकृतिक आपदाओं, बीमारियों और गरीबी से लड़ने के लिए मानवीय सहायता प्रदान करना और लोकतांत्रिक मूल्यों को बढ़ावा देना था। हालांकि, ट्रंप प्रशासन इस एजेंसी की भूमिका और फंडिंग पर सवाल उठा रहा है, खासतौर पर यूक्रेन और अन्य देशों को दी जाने वाली मदद को लेकर।

इस कदम से अमेरिका की विदेश नीति में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है, जिससे अंतरराष्ट्रीय संगठनों और सहयोगी देशों पर प्रभाव पड़ सकता है।