मीरजापुर, 08 मार्च (हि.स.)। शिवरात्रि पर नगर में निकली शिव बरात में जगह-जगह अद्भुत नजारा दिखा। कोई भांग के नशे में चूर था तो किसी पर फाल्गुन का रंग सवार था। शुक्रवार को श्रीरामलीला कमेटी की ओर से बरियाघाट व बड़ी माता मंदिर से शिव बरात निकाली गई। भूत-पिशाच और देवी-देवता की बरात लेकर बैंड-बाजा के साथ महादेव रथ पर सवार होकर निकले तो माहौल भक्तिमय हो गया। रथ के आगे और पीछे भक्तों का सैलाब झूम रहा था। हर तरफ हर-हर महादेव की गूंज सुनाई पड़ने लगी।
देवी-देवताओं के साथ भूत-प्रेत का स्वांग रचाकर निकले बराती रास्ते भर जमकर झूमते रहे। बराती के बीच जमकर अबीर-गुलाल चला। शिवबरात में ठंडई के सुरूर में मदमस्त भक्त नाचते-गाते जा रहे थे। हर कोई भगवान शिव की रंगों में रंगा था। होली खेले मशाने में.. पर आधारित लाइट एंड साउंड सिस्टम शिवबरात का मुख्य आकर्षण रहा। जगह-जगह महादेव का पुष्पवर्षा और आरती से स्वागत किया गया। व्यापारिक और सामाजिक संगठनों की ओर से प्रसाद वितरण कर पुण्यलाभ कमाया गया। शहर भ्रमण करने के बाद बरात देर शाम मंदिर वापस पहुंची। वहीं बूढ़ेनाथ सेवा समिति की ओर से बूढ़ेनाथ बाबा की पालकी यात्रा निकाली गई। इसमें बड़ी संख्या में पुरुष और महिलाएं शामिल हुईं। लोग हर-हर महादेव के जयघोष करते जा रहे थे। वहीं भक्ति गीत बजते रहे। पालकी यात्रा नगर के विभिन्न मार्गों से होते हुए बूढ़ेनाथ मंदिर पर आकर समाप्त हुई।
ठंडई की मस्ती में डूबे भक्त
महाशिवरात्रि पर्व पर ठंडई का दौर इस त्योहार का पहचान बच चुका है। शुक्रवार को भोले के भक्त ठंडई के तरंग में डूबे नजर आए। महाशिवरात्रि पर शहर के मोहल्लों में और सभी खास शिव मंदिरों पर अलसुबह से ही भगवान शंकर के दर्शन-पूजन के लिए कतारें नजर आईं। भोले भंडारी के दर्शन-पूजन के बाद भांग और ठंडई का प्रसाद पाने के लिए बच्चे-बूढ़े और महिलाएं भी मंदिरों के पास डटी रहीं। सुबह से ही शहर के गली-गली, घर-घर में रुद्राभिषेक के बाद ठंडई का दौर चलने लगा। उधर त्रिमोहानी स्थित ठंडई की दुकान पर लोगों की भीड़ देखी गई।