अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 26/11 मुंबई आतंकवादी हमले के दोषी तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है। उन्होंने कहा कि उन्हें न्याय का सामना करना पड़ेगा। पिछले महीने अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी थी। मामले से संबंधित सभी कानूनी दस्तावेज और वारंट जारी कर दिए गए हैं तथा उन्हें अमेरिकी अधिकारियों के साथ साझा कर दिया गया है। राजनीतिक निर्णय हो चुका है, अब दोनों पक्ष केवल तारीख और समय पर निर्णय लेंगे।
तहव्वुर राणा मुंबई हमलों का दोषी
विदेश मंत्रालय तारीख तय करने के लिए अपने अमेरिकी समकक्षों के संपर्क में है। विदेश मंत्रालय की मंजूरी मिलते ही एनआईए अधिकारियों का एक दल अमेरिका का दौरा करेगा। भारत सरकार को उम्मीद है कि तहव्वुर राणा कुछ ही हफ्तों में भारत लौट आएगा। जैसे ही वह भारत पहुंचेगा, उसे विशेष एनआईए अदालत में पेश किया जाएगा और जांच एजेंसी पूछताछ के लिए उसकी हिरासत की मांग करेगी। पाकिस्तानी मूल के कनाडाई व्यवसायी तहव्वुर राणा पर भारत में 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का आरोप लगाया गया था और उसे दोषी ठहराया गया है।
तहव्वुर राणा कौन है?
तहव्वुर राणा का नाम 26/11 आतंकी हमला मामले में मुंबई पुलिस द्वारा दायर आरोपपत्र में शामिल किया गया था। तहव्वुर राणा पर पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस एजेंसी और आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का सदस्य होने का आरोप है। आरोपपत्र में राणा पर 26/11 हमलों के मास्टरमाइंड डेविड केलमैन हेडली की मदद करने का आरोप लगाया गया है। तहव्वुर राणा ने मुंबई में उन स्थानों की टोह ली थी जहां विस्फोट किए जाने थे। और उन्होंने एक नक्शा तैयार करके पाकिस्तान भेज दिया।
राणा डेविड केलमन हेडली का बचपन का दोस्त है।
तहव्वुर राणा डेविड कोलमैन हेडली उर्फ दाऊद सईद गिलानी का बचपन का दोस्त है। हेडली एक अमेरिकी नागरिक है। उनकी मां अमेरिकी थीं और पिता पाकिस्तानी थे। अक्टूबर 2009 में अमेरिकी अधिकारियों ने उन्हें शिकागो में गिरफ्तार कर लिया। 24 जनवरी 2013 को हेडली को मुंबई हमलों में शामिल होने के लिए दोषी ठहराया गया और एक अमेरिकी अदालत ने उसे 35 साल की जेल की सजा सुनाई। तहव्वुर राणा ने पाकिस्तान के हसन अब्दाल कैडेट स्कूल में पढ़ाई की थी, जहां हेडली ने भी अमेरिका जाने से पहले पांच साल तक पढ़ाई की थी।
पाकिस्तानी सेना में डॉक्टर के रूप में काम करने के बाद तहव्वुर राणा कनाडा चले गए। और कुछ साल बाद उन्हें कनाडा की नागरिकता भी मिल गयी। उन्होंने शिकागो में ‘फर्स्ट वर्ल्ड इमिग्रेशन सर्विसेज’ नाम से एक कंसल्टेंसी फर्म शुरू की। राणा की कंपनी की एक शाखा मुंबई में भी थी, जहां डेविड कोलमैन ने हेडली को मुंबई में उन स्थानों की खोज करने में मदद की थी। जहां 26 नवंबर 2008 को पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के आतंकवादियों ने इसे निशाना बनाया था।