विशेषज्ञों का कहना है कि अगर ईरान और इजराइल के बीच तनाव बढ़ा तो कच्चे तेल की प्रति बैरल कीमत जल्द ही 100 डॉलर तक पहुंच सकती है. गौरतलब है कि मध्य-पूर्व में तनाव बढ़ने से सोमवार को भारत समेत दुनिया भर के शेयर बाजारों में गिरावट आई थी।
सोमवार को शुरुआती कारोबार में एशिया में तेल की कीमतों में गिरावट आई, क्योंकि पिछले शनिवार को इज़राइल पर ईरान के जवाबी हमले के बाद बाजार के खिलाड़ियों ने जोखिम प्रीमियम में कटौती की। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि जून डिलीवरी के लिए ब्रेंट वायदा 24 सेंट गिरकर 90.21 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया, जबकि मई डिलीवरी के लिए वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (डब्ल्यूटीआई) वायदा 38 सेंट गिरकर 85.28 डॉलर पर आ गया।
ईरान द्वारा इजरायली सैन्य ठिकानों को निशाना बनाकर किए गए 300 से ज्यादा मिसाइल हमलों से मध्य-पूर्व में तनाव बढ़ गया है. पता चला कि यह मिसाइल हमला इजरायल द्वारा 1 अप्रैल को सीरिया में ईरानी दूतावास पर हमला करने के शक में किया गया था. इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) ने हमले का समर्थन किया। आईआरजीसी ने कहा कि हमले विशिष्ट इजरायली सुविधाओं को निशाना बनाकर किए गए थे। ईरान के हमले के बाद इसराइल भी जवाबी कार्रवाई करेगा इसकी आशंका से क्षेत्र में भारी तनाव है. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को चेतावनी दी है कि अमेरिका ईरान के खिलाफ इजराइल के जवाबी कदमों में शामिल नहीं होगा.