याचिका में आयकर अधिनियम के तहत स्रोत पर कर कटौती के ढांचे को समाप्त करने का अनुरोध किया

Supreme Court Of India Ht File

सुप्रीम कोर्ट ने टैक्स डिडक्ट एट सोर्स (TDS) को चुनौती देने वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया है। इसके साथ ही याचिकाकर्ता भारतीय जनता पार्टी के नेता को हाईकोर्ट जाने के लिए निर्देशित किया गया है। कोर्ट ने याचिका को ‘खराब तरीके से तैयार’ भी बताया। जनहित याचिका में यह तर्क दिया गया था कि TDS के प्रावधानों के कारण सरकार पर स्त्रोत से कर जुटाने का दबाव लोगों पर डाला जाता है।

याचिका में आयकर अधिनियम के तहत स्रोत पर कर कटौती के ढांचे को समाप्त करने का अनुरोध किया गया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे शुक्रवार को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि यह व्यवस्था सभी जगह लागू की जाती है। भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की बेंच ने वकील और भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय को दिल्ली हाई कोर्ट जाने की अनुमति दी।

पीठ ने याचिका को ‘बहुत खराब तरीके से तैयार की गई’ बताते हुए कहा, “माफ कीजिए, हम इस पर विचार नहीं करेंगे… यह बहुत ही खराब तरीके से तैयार की गई है। हालांकि, आप दिल्ली उच्च न्यायालय जा सकते हैं।” याचिका में TDS प्रणाली को ‘मनमाना और तर्कहीन’ बताते हुए इसे समाप्त करने का आदेश देने की मांग की गई थी, जबकि यह व्यवस्था कई देशों में लागू है।

याचिका में आयकर अधिनियम के तहत TDS ढांचे को चुनौती दी गई थी, जिसके तहत भुगतानकर्ता को भुगतान करते वक्त कर की कटौती करनी होती है और उसे आयकर विभाग में जमा कराना अनिवार्य होता है। कटौती की गई राशि को दाता की कर देयता में शामिल किया जाता है। याचिका में केंद्र सरकार, विधि एवं न्याय मंत्रालय, विधि आयोग और नीति आयोग को पक्षकार बनाया गया था।