यूपी पॉलिटिक्स: लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को कम सीटें मिलने से ऐसा लग रहा है कि बीजेपी के अंदर एक ‘विपक्ष’ पैदा हो गया है. सहयोगी दल तो उनपर हमलावर था ही अब पार्टी के विधायक भी अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं. हालांकि, प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार बिना विचलित हुए सरकार के काम में लगे हुए हैं. परेशान करने वाली बात यह है कि विधायकों की अनुशासनहीनता, पूर्व विधायक लगातार सरकार की आलोचना कर रहे हैं, इसके बावजूद संगठन पर कोई सख्त नजर नहीं आ रही है.
पत्र पर राजनीति शुरू हो गई
लोकसभा चुनाव के बाद सबसे पहले सहयोगी अपना दल की अनुप्रिया पटेल ने आरक्षण के नाम पर पत्र लिखकर सरकार पर हमला बोला था. सरकार के जवाब से होश उड़ जाने के बाद उन्होंने मिर्ज़ापुर के टोल प्लाजा को लेकर पत्र लिखा. मामला यहीं नहीं रुकता, शिक्षकों की उपस्थिति को लेकर विपक्षी दल अभी भी हमलावर हैं, लेकिन पार्टी के ही कुछ नेताओं ने इस उपस्थिति को लेकर विधायकों को पत्र लिखा है. संजय निषाद आरोप लगाते रहे, अब उनके बेटे सरवन निषाद ने चौरी-चौरा पुलिस को घेर लिया.
शिक्षक की उपस्थिति पर गोरखपुर-फैजाबाद स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के एक भाजपा एमएलसी ने पत्र लिखा है। वहीं, जौनपुर से बीजेपी विधायक रमेश चंद्र मिश्र और पूर्व मंत्री मोती सिंह ने पुलिस-प्रशासन पर लोगों को परेशान करने का आरोप लगाया है. खास बात यह है कि पूर्व मंत्री खुद मोती सिंह पार, प्रतापगढ़ में उनके विरोधियों के मंत्री रहने के दौरान पुलिस-प्रशासनिक व्यवस्था के दुरुपयोग की चर्चा करते हैं। कैंपियरगंज से बीजेपी विधायक फतेह बहादुर सिंह ने अपनी हत्या की साजिश के मामले में गोरखपुर पुलिस-प्रशासन पर ढिलाई बरतने का आरोप लगाया है. महज दो दिन पहले बीजेपी में शामिल हुए नारद राय ने बलिया में एक कार्यक्रम में प्रशासन पर मनमानी का आरोप लगाया है.
भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि विधायक जिले में काम नहीं होने और कुछ निजी हितों को लेकर सरकार पर हमला कर रहे हैं. उन्हें क्षेत्र की जनता की समस्याओं और विकास कार्यों पर अधिक ध्यान देना चाहिए. इन सबके बीच हैरानी की बात यह है कि बीजेपी संगठन ने पार्टी मंच पर सरकार पर खुलकर हमला करने वाले किसी भी नेता के खिलाफ कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं की है. पार्टी में इस रवैये पर भी सवाल उठ रहे हैं.
विकास कार्यों और बाढ़ नियंत्रण में जुटे योगी
सरकार विरोधी अजीबो-गरीब मुहिम के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने काम में व्यस्त हैं। उन्होंने बाढ़ नियंत्रण के लिए न केवल लखीमपुर, श्रीवस्ती, बलरामपुर और शाहजहाँपुर का दौरा किया बल्कि वहाँ के कार्यों की समीक्षा भी की। वे वृक्षारोपण अभियान को सफल बनाने में जुटे हैं.